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MP में वैध होगी गांजे की खेती, दवाई में होगा इस्तेमाल, विरोध में BJP

मध्यप्रदेश सरकार कैंसर जैसी घातक बीमारी के लिए बनने वाली दवाओं में इस्तेमाल होने वाली गांजे की एक प्रजाति की खेती को वैध करने की तैयारी में है. बीजेपी ने इसका विरोध किया है और आरोप लगाए हैं कि सरकार मध्यप्रदेश को नशे की ओर धकेल रही है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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  • गांजे की खेती को वैध करने की तैयारी में सरकार
  • MP को नशे की तरफ धकलने का BJP का आरोप

जल्द ही मध्यप्रदेश में आपको गांजे के खेत लहलहाते हुए दिख सकते हैं. दरअसल मध्यप्रदेश सरकार कैंसर जैसी घातक बीमारी के लिए बनने वाली दवाओं में इस्तेमाल होने वाली गांजे की एक प्रजाति की खेती को वैध करने की तैयारी में है. हालांकि बीजेपी ने इसका विरोध किया है और आरोप लगाए हैं कि सरकार मध्यप्रदेश को नशे की ओर धकेल रही है.

मध्यप्रदेश सरकार जल्द ही गांजे की खेती को वैध कर सकती है. प्रदेश में फिलहाल अफीम की खेती होती है, जिसके लिए प्रदेश सरकार बकायदा लाइसेंस देती है. अब खबर ये है कि सरकार गांजे की खेती के लिए भी अफीम की खेती की तर्ज पर लाईसेंस देने की योजना पर काम कर रही है.

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प्रदेश के जनसम्पर्क मंत्री ने बाकायदा इसकी जानकारी देते हुए बताया कि गांजा कैंसर सहित अन्य असाध्य बीमारियों की दवा बनाने में काम आता है. इसमें गलत क्या है? मंत्री ने दावा किया है कि ये खेती गांजा खाने या पीने के लिये नहीं होगी. कमलनाथ सरकार का तर्क है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे बीजेपी शासित राज्यों में भी इसकी खेती हो रही है.

मंत्री पीसी शर्मा ने 'आजतक' से बात करते हुए बताया कि 'फिलहाल अभी योजना को अमलीजामा पहनाने में वक्त है. इससे पहले अभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेषज्ञों से बात कर पहले जमीन और हवा की जांच की जाएगी जिसके बाद ही बात आगे बढ़ेगी.'

बीजेपी ने किया विरोध

वहीं बीजेपी ने गांजे की खेती का विरोध किया है. बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री विश्वास सारंग का आरोप है कि हाल ही में शराब दुकानों के साथ अहाते को खोल सरकार पहले ही लोगों को आसानी से मयखाने उपलब्ध करा रही है. उसके बाद गांजे की खेती से सरकार लोगों को नशे की ओर धकेलना चाहती है. इससे अच्छा होगा कि सरकार भारी बारिश से खराब हुई फ़सलों का उचित मुआवजा दे और अन्य फसलों की पैदावार बढ़ाने के बारे में सोचे.

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