मध्य प्रदेश के दतिया जिले से लगभग 60 किलोमीटर दूर रतनगढ़ स्थित देवी माता के मंदिर में दर्शन के दौरान मचे भगदड़ की शिवराज सरकार की तैयारियों की पोल खोलकर रख दी. इस हादसे में मरने वालों की संख्या 115 पहुंच गई है.
प्रशासन की बदइंतजामी और बेरुखी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है सूबे की गृहमंत्री को नहीं पता कि इस दुर्घटना में कितने लोगों की जानें गई.
सोमवार को जब मध्य प्रदेश के गृहमंत्री उमा शंकर गुप्ता से दुर्घटना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता कि इस दुर्घटना में कितने लोग मारे गए. ये सवाल पुलिस से पूछिए.
सवाल यह उठता है कि जब पुलिस प्रशासन गृहमंत्री को रिपोर्ट करता है. ऐसे में इस तरह का बेतुका बयान तो पीड़ितों के जख्म पर नमक छिड़कने का ही काम करेगा.
जहां एक तरफ शिवराज के मंत्री ने अजीबोगरीब बयान दिया तो दूसरी तरफ उनके विरोधी सियासत करने में जुट गए हैं. कांग्रेस महासचिव और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राज्य सरकार को हादसे के लिए कठघड़े में खड़ा किया.
उन्होंने ट्वीट किया, 'रतनगढ़ हादसे की वजह क्या है? पुलिस ट्रैक्टरों से 200 रुपये घूस लेकर नो ट्रैफिक जोन में जाने दे रही थी. क्या यही है मध्य प्रदेश का सुशासन?'
दिग्विजय सिंह के इस हमले पर उमाशंकर गुप्ता ने कहा, ' उनके बयान को गंभीरता से मत लीजिए. रतनगढ़ में अब सबकुछ सामान्य है.'