सोमवार को कमलनाथ जब झाबुआ से वापस लौटे तो उन्होंने राज्य के चीफ सेक्रेटरी एसआर मोहांती, डीजीपी वीके सिंह और SIT प्रमुख संजीव शामी को बुलाया और इस मामले में ATS के शामिल होने पर नाराजगी जताई. कमलनाथ की ओर से ये एक्शन इसलिए लिया गया क्योंकि उन्हें बताया गया है कि अभी इस मामले में कुछ ऐसे खुलासे भी हो सकते हैं, जो सरकार के हाथ से बाहर जा सकते हैं.
सूत्रों की मानें तो कमलनाथ को पहले सलाह दी गई थी कि SIT में डीजी रैंक के अफसर को बैठाया जाए, जो इस पूरे मामले की जांच करे. लेकिन बाद में खुलासा हुआ कि कुछ ऑफिसर के उस ट्रैप में शामिल महिलाओं के साथ संपर्क थे और इस पूरे मामले की मास्टरमाइंड श्वेता जैन-आरती दयाल की भी मदद की गई थी.
सूत्रों के अनुसार, जैसे-जैसे ये मामला बढ़ता जा रहा है ये और भी गंभीर हो रहा है. क्योंकि इस मामले में बीजेपी-कांग्रेस दोनों पार्टियों के नेताओं, राज्य के कुछ नौकरशाह समेत कई ऐसे नाम आ सकते हैं जो मध्य प्रदेश में भूचाल ला सकते हैं. इसमें दिल्ली से भोपाल तक लोगों के नाम हैं, जिन्होंने एक तरह से फिक्सर का काम किया.
मामले की गंभीरता को इस बात से भी परखा जा सकता है कि अभी तक एक पूर्व राज्यपाल, पूर्व मुख्यमंत्री, बीजेपी के बड़े दिग्गज की कुछ तस्वीरें छप चुकी हैं. इसके अलावा कुछ सेक्स सीडी भी बरामद की गई हैं, जो कई तरह के सवाल खड़े करती है. सार्वजनिक तौर पर भले ही कमलनाथ ने कहा हो कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, लेकिन सच्चाई ये है कि मामले की जांच में ढिलाई बरती जा रही है.
कैसे हुआ था हनीट्रैप का खुलासा?
बता दें कि बीते 18 सितंबर को इंदौर पुलिस ने 2 महिलाओं और उनके वाहन चालक को गिरफ्तार किया था. ये महिलाएं नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह का वीडियो बनाने के बाद उसे ब्लैकमेल कर उससे 3 करोड़ रुपये मांग कर रही थीं. मांगी गई रकम की पहली किश्त के तौर पर 50 लाख रुपये वे लेने आईं तो पकड़ी गईं.
उसके बाद कई नेताओं के तार इस कांड से जुड़ते चले गए. बाद में इस कांड से जुड़ी जो तस्वीर सामने आ रही है, वह चौंकाने वाली है.