मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के नया गांव के प्रतिबंधित जंगल में जादुई महुआ पेड़ के दर्शन करने जा रहे लोगों को रोकना पुलिस को मंहगा पड़ गया. गुस्साए लोगों की भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया. इस घटना में एक टीआई सहित 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए. वहीं गुस्साई भीड़ ने आगजनी की घटना को अंजाम देते हुए पुलिस के टेंट को भी जला दिया.
पुलिस और प्रशासन ने क्यों रोका?
बवाल के बीच मौके पर मौजूद पुलिस फोर्स ने महुआ के पेड़ के पास से लोगों को हटाया. दरअसल, महिलाओं और पुरुषों समेत सैकड़ों श्रद्धालु जंगल में घुस गए और महुआ के पेड़ से लिपटकर मन्नत मांगने लगे. श्रद्धालुओं ने पेड़ के पास पूजन शुरू कर दिया. वहीं पुलिस और प्रशासन ने पेड़ के अंधविश्वास खत्म करने के लिए लोगों के महुआ के पेड़ तक जाने पर रोक लगा दी लेकिन इसके बाद भी लोग जान जोखिम में डालकर पेड़ के पास जा रहे हैं.
श्रद्धालु महुआ पेड़ को मानते हैं चमत्कारी
बनखेड़ी पुलिस के मुताबिक, पिपरिया से लगभग 15 किलोमीटर दूर नया गांव में एक महुआ का पेड़ है, जिसे स्थानीय लोग चमत्कारी बता रहे हैं. उनका दावा है कि इसे छूने से बीमारी दूर हो जाती है. इस अंधविश्वास के चलते यहां पिछले कुछ दिनों से भारी भीड़ जमा हो रही थी. प्रशासन ने हालात काबू में रखने के लिए इलाके में धारा 144 लागू कर दी और पेड़ को छूने आने वालों को रोका.
भीड़ ने पुलिस पर किया पथराव
पुलिस के अनुसार, बुधवार को बड़ी संख्या में लोग जमा हुए, उन्हें जब महुए के पेड़ के पास जाने से रोका गया तो वे बेकाबू हो गए. उन्होंने गाड़ियों में आग लगाई और पुलिस पर हमला कर दिया. भीड़ की ओर से की गई पत्थरबाजी में बनखेड़ी के थाना प्रभारी झारिया सहित छह पुलिसकर्मी घायल हो गए.
कई वाहनों में लगाई आग
पुलिस के मुताबिक भीड़ द्वारा किए गए पथराव में कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं, वहीं एक मोटरसाइकिल को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया. मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती है और महुआ के पेड़ तक लोगों को जाने की अनुमति नहीं है.