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UP के बाद MP में भी रेमडेसिविर की ब्लैक मार्केटिंग कर रहे थे डॉक्टर, 2 अरेस्ट

मध्य प्रदेश के जबलपुर के निजी अस्पतालों में काम करने वाले दो डॉक्टरों और तीन अन्य को रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने पर गिरफ्तार किया गया.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दो डॉक्टर समेत पांच आरोपी गिरफ्तार
  • रेमडेसिविर की कर रहे थे कालाबाजारी

कोरोना संकट के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग जारी है. मध्य प्रदेश के जबलपुर में दवा की कालाबाजारी कर रहे दो डॉक्टर और तीन कर्मचारियों को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने कहा कि निजी अस्पतालों में काम करने वाले दो डॉक्टरों और तीन अन्य को  रेमेडिसविर की कालाबाजारी करने पर गिरफ्तार किया गया.

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एसटीएफ (जबलपुर) के पुलिस अधीक्षक नीरज सोनी ने कहा कि दो डॉक्टरों और तीन अन्य को रेमडेसिविर की कालाबाजारी के आरोप में गिरफ्तार किया गया. डॉक्टरों की पहचान जीवन मेडिसिटी अस्पताल में कार्यरत जितेंद्र सिंह ठाकुर (26) और आशीष अस्पताल में कार्यरत नीरज साहू (26) के रूप में हुई.

पुलिस अधिकारी ने कहा कि अन्य तीन आरोपी सुधीर सोनी (27), राहुल विश्वकर्मा (24) और राकेश मालवीय (31) संस्कारधानी अस्पताल में काम करते हैं. उन्होंने कहा कि आरोपियों के पास से चार रेमडेसिविर शीशियां, छह मोबाइल फोन, एक चार पहिया वाहन और 10,400 रुपये नकद बरामद किए गए.

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डॉक्टर जितेंद्र सिंह ठाकुर, अन्य आरोपियों के माध्यम से कोरोना से उबरने के बाद रोगियों द्वारा छोड़े गए रेमेडिसविर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग करता था. पुलिस अधिकारी ने कहा कि ठाकुर साहू को इंजेक्शन देता था, फिर साहू विश्वकर्मा को सौंप देता था, बाद में अन्य दो आरोपी इंजेक्शन की कालाबाजारी करते थे.

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पुलिस के मुताबिक, रैकेट का उस वक्त खुलासा हुआ, जब एक पुलिसकर्मी को सुधीर सोनी और विश्वकर्मा से इंजेक्शन खरीदने के लिए ग्राहक के रूप में भेजा गया था. एसटीएफ ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 188 समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है.

 

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