दिल्ली में ज्योतिरादित्य सिंधिया के घर मध्यप्रदेश के विधायक जुट गए हैं. वे सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं. समर्थकों को कहना है कि जिस तरह राजस्थान में अशोक गहलोत को सीएम और सचिन पायलट को डिप्टी सीएम बनाया गया है, इसी को ध्यान में रखते हुए सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष को बनना चाहिए.
सिंधिया के घर पर समर्थकों की भीड़ लग गई. उनके समर्थक पैरों में गिर-गिरकर अपनी भावनाओं का इजहार कर रहे थे. सिंधिया उनके बीच में जाकर उन्हें दिलासा दे रहे थे लेकिन उनके समर्थक मान ही नहीं रहे थे. उन्होंने समर्थकों को दिलासा देते हुए कहा कि वह इस बारे में कल सुबह कोई बात करने की स्थिति में होंगे.
सिंधिया की गैरमौजूदगी से उठे सवाल#WATCH: Congress leader Jyotiraditya Scindia mobbed by supporters outside his residence in Delhi pic.twitter.com/qZUfpfqTcl
— ANI (@ANI) December 15, 2018
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच पेंच फंसा हुआ था, लेकिन बाद में कमलनाथ ने बाजी मार ली. अब इसे संयोग कहें या कुछ और लेकिन शुक्रवार को जब कमलनाथ राज्यपाल से मिलने पहुंचे तो उनके साथ प्रदेश कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया, दिग्विजय सिंह, अजय सिंह, अरुण यादव और विवेक तन्खा तो मौजूद रहे, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया इस दौरान नदारद रहे, जिससे सवाल खड़े हो रहे हैं.
ज्योतिरादित्य को धैर्य रखने के लिए कहा था
गौरतलब है कि काफी माथापच्ची के बाद आखिरकार मध्य प्रदेश के सीएम के नाम का भोपाल में गुरुवार को देर रात को ऐलान हुआ था. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक फोटो ट्वीट की थी, जिसमें वो कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ दिख रहे थे. इसमें उन्होंने Leo Tolstoy का एक कथन लिखकर राजनैतिक संदेश दिया कि धैर्य और समय दो सबसे ताकतवर योद्धा होते हैं. ऐसा माना गया कि इसके माध्यम से राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य को धैर्य रखने के लिए कह दिया और यह बता दिया कि कमलनाथ का समय आ गया है.
इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर पर लिखा था कि "ये कोई रेस नहीं और ये कुर्सी के लिए नहीं, हम यहां मध्य प्रदेश की जनता की सेवा के लिए हैं, मैं भोपाल आ रहा हूं, और आज ही CM के नाम का एलान होगा." इससे भी ऐसा लगा था कि ज्योतिरादित्य ने कमलनाथ के सामने सरेंडर कर दिया है.
गौरतलब है कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर कमलनाथ ने उन्हें विधायकों की लिस्ट दी, जिसके बाद राज्यपाल ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनने का नियुक्ति पत्र सौंप दिया है. वे 17 दिसम्बर को भोपाल के लाल परेड मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.