मध्य प्रदेश के किसानों के लिए राहत की खबर है. कमलनाथ सरकार ने बीजेपी सरकार या अलग-अलग किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने का फैसला लिया है. सरकार जल्द ही ऐसे किसानों के ऊपर से दर्ज मुकदमे वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है. इस बाबत प्रदेश के कानून मंत्री पीसी शर्मा और गृह मंत्री बाला बच्चन ने बैठक भी की है जिसमें इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा की गई.
‘आजतक’ से फोन पर खास बातचीत में प्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन ने इस बात की पुष्टि की है कि बैठक में ऐसे प्रकरणों को वापस लेने पर चर्चा की गई. उन्होंने कहा है कि पूरे प्रदेश में ऐसे करीब 371 केस दर्ज किए गए जिसमें सैंकड़ों की संख्या में नामजद और अज्ञात किसान शामिल हैं. साथ ही उन्होंने बताया है कि मीटिंग के बाद गृह विभाग के आला अधिकारियों ने जिला प्रशासन को ऐसे मामलों की जानकारी देने के लिए फोन करना भी शुरू कर दिया है.
प्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन के मुताबिक जिला स्तर पर जो समिति बनाई गई है, उसमें जिला दंडाधिकारी, जिला एसपी और जिला लोक अभियोजन अधिकारी शामिल हैं. इन अधिकारियों को ही ये जिम्मेदारी दी गई है कि वो झूठे मुकदमों की पहचान करें जिसके बाद जिला स्तर पर ऐसे मामलों पर विचार कर राज्य शासन को सिफारिश की जाएगी. बता दें कि जून 2017 में किसान आंदोलन और मंदसौर गोलीकांड के बाद भड़की हिंसा के दौरान सैकड़ों किसानों पर केस दर्ज किए गए थे.
राजनीतिक प्रकरण भी होंगे वापस
बैठक में किसानों के अलावा कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी जैसे गैर बीजेपी दलों के नेताओं पर दर्ज मामलों को वापस लेने पर भी विचार किया गया. प्रदेश गृह मंत्री बाला बच्चन ने बताया कि जिला स्तर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सूचित किया जाएगा कि वो उनके क्षेत्र में गैर बीजेपी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे की जानकारी जमा करें जिससे उन पर भी जल्द कार्रवाई की जा सके.