मध्य प्रदेश में सियासी संकट लगातार बढ़ता ही जा रहा है. साथ ही राज्य की कमलनाथ सरकार पर भी तलवार लटकती नजर आ रही है. अब कांग्रेस अपने विधायकों को मध्य प्रदेश से राजस्थान की राजधानी जयपुर ले जाने की तैयारी कर रही है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया अब कांग्रेस से अलग हो चुके हैं. सिंधिया परिवार के उत्तराधिकारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उनके साथ ही मध्य प्रदेश में 22 कांग्रेस विधायकों ने अपना पद छोड़ दिया है. जिसके बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार अल्पमत में नजर आ रही है.
मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री रहे सज्जन वर्मा ने कहा कि वह कुछ वरिष्ठ नेताओं के साथ जयपुर से सीधे बेंगलुरु जा रहे हैं. वहां हमारे नेता शिवकुमार हमारे विधायकों के साथ संपर्क में हैं हमें उम्मीद है कि हम उनको वापस लेकर आएंगे. मध्य प्रदेश कांग्रेस के विधायक होटल में आने में शुरू हो गए हैं.
मध्य प्रदेश की राजनीति पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हर कोई देख रहा है कि कैसे लोकतंत्र की हत्या हो रही है. विधायक जयपुर आ रहे हैं. आप देख सकते हैं कि किस तरह विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश हो रही है. ऐस नंगा नाच कभी नहीं देखा गया है. जो सत्ता में बैठे हुए लोग कर रहे हैं.
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इसी क्रम में मध्य प्रदेश में कांग्रेस अपनी सरकार बचाने की पूरी तरह से कवायद कर रही है. भोपाल में मुख्यमंत्री आवास पर तीन बसें कांग्रेस विधायकों को एयरपोर्ट ले जाने के लिए खड़ी हैं. जहां से उन लोगों को राजस्थान के जयपुर ले जाया जाएगा.
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वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर से दावा किया जा रहा है कि वो अभी भी बहुमत हासिल कर लेंगे. इस बीच बचे हुए विधायक कांग्रेस भेजे जा रहे हैं. मध्य प्रदेश में विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा भी गिरकर 104 पहुंच गया है.
कांग्रेस के पास विधायकों की कितनी संख्या?
बता दें कि मध्य प्रदेश में 22 इस्तीफों के बाद कांग्रेस की संख्या 114 से 92 हो गई है. हालांकि, मंगलवार शाम कमलनाथ की बैठक में कांग्रेस के 92 की बजाय 88 विधायक ही पहुंचे. लेकिन अब तक एसपी-बीएसपी और निर्दलीयों की मदद से कांग्रेस के पास 99 विधायकों का समर्थन हासिल है.