मध्य प्रदेश में इस साल हुई भीषण बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार से राहत राशि का इंतजार कर रही कमलनाथ सरकार के मंत्री अब केंद्र की मोदी सरकार पर मध्य प्रदेश की अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं.
कमलनाथ के मंत्रियों ने गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में बाढ़ राहत राशि मिलने में हो रही देरी पर चर्चा करते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार जल्द ही बाढ़ राहत राशि नहीं देगी तो कमलनाथ सरकार के सभी कैबिनेट मंत्री दिल्ली जाकर धरना देंगे. साथ ही भूख हड़ताल करने की भी बात कही है.
मंत्री पीसी शर्मा और मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ने आजतक से खास बातचीत में बताया कि सभी मंत्रियों ने तय किया है कि वो अपना एक महीने का वेतन बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए राहत कोष में देंगे. दोनों मंत्रियों का आरोप है कि वह भारी बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए लगातार केंद्र सरकार से सहायता प्रदान करने का आग्रह कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई सहायता राशि प्राप्त नहीं हुई है.
नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार को भेजी रिपोर्ट
मंत्रियों का कहना है कि केंद्र सरकार ने कर्नाटक और बिहार राज्य को भारी बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सहायता राशि उपलब्ध करा दी है. जबकि केंद्रीय अध्ययन दल मध्य प्रदेश के प्रभावित जिलों में हुए नुकसान का दो बार सर्वे कर चुका है. मध्य प्रदेश में हुए नुकसान की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जा चुकी है. मध्य प्रदेश सरकार ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने बिना केंद्र सरकार की सहायता का इंतज़ार किए अपने स्तर पर ही अति वृष्टि और बाढ़ प्रभावितों की सहायता करते हुए अबतक 200 करोड़ की सहायता राशि बांट दी है.
सीएम कर चुके है गंभीर आपदा घोषित करने की मांग
सरकार ने बयान जारी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें मध्य प्रदेश में भारी बारिश से हुए नुकसान की जानकारी दी थी और इसे गंभीर आपदा घोषित करने की मांग की थी. प्रधानमंत्री के अलावा मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात कर उन्हें राहत राशि जल्द देने का ज्ञापन सौंपा था.
बाढ़-बारिश से राज्य में भारी नुकसान
मध्य प्रदेश सरकार के मुताबिक भारी बारिश से राज्य में करीब 16 हज़ार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. 50 लाख से ज्यादा किसानों की लाखों हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई तो वहीं हज़ारों मकान टूटे हैं. इसके अलावा हज़ारों किलोमीटर की सड़कें पूरी तरह खराब हो गई हैं.