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मध्य प्रदेशः 15 अगस्त को मदरसों को तिरंगा रैली के आदेश, कांग्रेस ने जताया विरोध

चुनावी मोड में पहुंच चुके मध्य प्रदेश में सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे को साधने में जुटे हैं, ऐसे में मदरसा बोर्ड अगर प्रदेश के सभी मदरसों को तिरंगा रैला निकालने का आदेश देता है तो इस पर राजनीति होनी तय है. कांग्रेस इसके विरोध में है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

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मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष के एक आदेश ने प्रदेश की राजनीति में हंगामा खड़ा कर दिया है. दरअसल मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष सैय्यद इमादउद्दीन ने प्रदेश के सभी मदरसों को आदेश जारी किया है कि वो 15 अगस्त पर मदरसों में ना केवल तिरंगा फहराए बल्कि तिरंगा यात्रा भी निकालें.

अपने आदेश में मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष सैय्यद इमादउद्दीन ने कहा है कि मदरसों में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए जाएं और इन सबकी फोटो मदरसा बोर्ड के ईमेल आईडी पर भेजे जाएं.

आज तक से फोन पर बातचीत करते हुए सैय्यद इमादउद्दीन ने कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है जब उन्होंने ऐसा आदेश दिया हो. इससे पहले बीते साल भी उन्होंने 15 अगस्त पर ऐसा ही आदेश जारी किया गया था.

फोटो और वीडियो मांगे जाने के सवाल पर इमादउद्दीन ने बताया कि आजकल का जमाना सोशल मीडिया का है और फोटो मंगवाने का मकसद है कि मदरसा बोर्ड की वेबसाइट पर अच्छी फोटो को चुन कर डाला जाएगा.

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आपको बता दें कि यह आदेश 3 अगस्त को जारी किए गए थे, लेकिन मामला सामने तब आया जब इस आदेश पर कांग्रेस ने सवाल उठाए. मध्य प्रदेश कांग्रेस की मीडिया विभाग की अध्यक्षा शोभा ओझा ने इस आदेश को बीजेपी की ओर से जोर जबरदस्ती बताया.

ओझा ने कहा कि मदरसा बोर्ड को सरकार की तरफ से यह कहा गया है कि वो ये करें और बताएं. बीजेपी इसे प्रचारित करती आ रही है कि अल्पसंख्यक देशद्रोही हैं. ये सवाल तो आरएसएस और बीजेपी को खुद से पूछना चाहिए कि उनके यहां तिरंगा कब से फहराना शुरू हुआ. ये खुद नही तिरंगा फहराते थे.

वहीं कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी की सफाई भी सामने आ गई है. मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री विश्वास सांरग ने कहा है कि इस तरह की व्यवस्था जब भी लागू की जाती है तो उसका सर्कुलर निकलता है. यह पहले भी होता था. कांग्रेस ने 70 साल तक हिंदु और मुसलमान को अलग करने का प्रयास किया है.

उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में भी हिंदू और मुसलमान ने साथ मिलकर काम किया था. हिंदू धर्म में मातृभूमि को सर्वोच्च माना गया है तो वहीं इस्लाम मानता है कि मादरे वतन अव्वल है तो मादरे वतन के लिए यदि कोई कार्यक्रम कर रहे हैं तो इसमें किसी को दिक्कत क्यों है. कांग्रेस इसे मुद्दा बना कर मुसलमानों को देश की मुख्यधारा से अलग रखना चाहती है.

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