मध्य प्रदेश के बैतूल की रहने वाली प्रियंका चोपड़े ने 2017 में उत्तर प्रदेश के आगरा में हुई कराटे स्पर्धा में जीते गोल्ड मेडल को वापस करने की इच्छा जताई है. प्रियंका ने प्रशासन द्वारा अनदेखी और गोल्ड मेडल का अबतक प्रमाण पत्र ना मिलने के कारण ये फैसला किया है. प्रियंका का कहना है कि वो मुख्यमंत्री कमलनाथ के जन्मदिन पर अपना गोल्ड मेडल वापस लौटाएंगी.
प्रियंका ने बकायदा बैतूल कलेक्टर को पत्र लिख गोल्ड मेडल लौटाने की इच्छा जताई है. कलेक्टर को भेजे पत्र में प्रियंका ने लिखा है कि '2017 में ISF WORLD SCHOOL COMBAT GAMES 2017 AGRA में ब्राजील और चीन के खिलाड़ियों को हराकर गोल्ड मेडल जीतने के दो साल बाद तक संस्था की ओर से गोल्ड मेडल का सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है. इसके कारण उसे भोपाल की कराटे खेल अकादमी में एडमिशन नहीं मिल सका और स्कॉलरशिप भी रुक गई.'
नहीं मिली कोई महिला कोच
प्रियंका ने लिखा है कि स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से करवाई गई नेशनल और इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में भी उसे महिला कोच उपलब्ध नहीं कराई गई जबकि इसकी जानकारी लिखित में जिला खेल अधिकारी को दे दी गई थी. यही नहीं, प्रियंका ने बताया कि उसे खुद के खर्चे पर ही प्रतियोगिताओं में जाना पड़ रहा है और दो सालों से इसे इसका डीए तक नहीं मिला है.
प्रियंका ने कलेक्टर को भेजे पत्र में लिखा है कि 'उसके पिता मजदूर हैं और बमुश्किल ही वो उसकी पढ़ाई और कराटे ट्रेनिंग का खर्चा उठा पा रहे हैं. ऐसे में अपनी उपेक्षा से दुखी होकर वो ये गोल्ड मेडल लौटाना चाहती है.' वहीं, प्रियंका के पिता ओमकार चोपड़े का कहना है कि उन्होंने मजदूरी करके अपनी बेटी को अबतक ट्रेनिंग दिलवाई और इस मुकाम तक पहुंचाया, लेकिन अब अधिकारियों के चक्कर काट-काट कर थक गए हैं.
खेल अधिकारी बोले- ना लौटाएं मेडल
इस मामले में खेल अधिकारी जगदीप वर्मा का कहना है कि प्रियंका को स्पर्धा में भाग लेने का सर्टिफिकेट मिला है, लेकिन उसे गोल्ड मेडल का सर्टिफिकेट नहीं मिला है. पता करने पर जानकारी मिली है कि किसी को भी मेडल जीतने का सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है. हम चाहते हैं कि प्रियंका अपनी मेहनत से जीते गोल्ड मेडल को ना लौटाएं. जगदीप शर्मा ने कहा कि हम वरिष्ठ अधिकारियों से पत्राचार कर रहे हैं, जिससे ये पता लगाया जा सके कि प्रियंका को सर्टिफिकेट क्यों नहीं मिल पाया है.