scorecardresearch
 

सवर्णों का भारत बंद: MP के 10 जिलों में धारा 144, BJP नेताओं की सुरक्षा बढ़ी

मध्य प्रदेश में गुरुवार को सवर्णों के भारत बंद को लेकर प्रशासन सतर्क रहा. इससे पहले दलित आंदोलन के दौरान मध्य प्रदेश में जमकर हिंसा और आगजनी की घटनाएं देखने को मिली थीं. बता दें कि SC/ST संशोधन एक्ट को लेकर मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा नाराजगी देखने को मिल रही है. ऐसे में प्रशासन ने कई जिलों में धारा 144 लगा रखा है और ड्रोन के जरिए निगरानी की जा रही है.

Advertisement
X
SC/ST एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन करते सवर्ण समुदाय को लोग
SC/ST एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन करते सवर्ण समुदाय को लोग

Advertisement

अनुसूचित जाति-जनजाति (SC/ST) संशोधन अधिनियम के खिलाफ सवर्ण संगठनों के द्वारा गुरुवार को 'भारत बंद' बुलाया गया. सवर्णों की नाराजगी के सबसे ज्यादा मामले मध्य प्रदेश में देखने को मिल रहे हैं. यही वजह है कि गुरुवार को 'भारत बंद' के दौरान मध्य प्रदेश में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए.

इस दौरान प्रदेश प्रशासन पूरी तरह से सतर्क और मुस्तैद रहा. प्रदेश के 10 जिलों में धारा 144 लगाई गई. ड्रोन के जरिए प्रशासन ने निगरानी की. सवर्णों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बीजेपी नेताओं के घर की सुरक्षा बढ़ाई गई.

ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री जयभान सिंह, मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री माया सिंह और कैबिनेट मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा के घर की सुरक्षा बढ़ाई गई. सामान्य, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के अधिकारी कर्मचारी संस्था (सपाक्स) सहित 35 सवर्ण संगठनों ने इस भारत बंद का आह्वान किया.

Advertisement

मध्य प्रदेश के 10 जिलों में धारा 144  लागू की गई. मध्य प्रदेश के भिंड, ग्वालियर, मोरेना, शिवपुरी, अशोक नगर, दतिया, श्योपुर, छत्तरपुर, सागर और नरसिंहपुर में धारा 144 लागू की गई. इस दौरान यहां पर पेट्रोल पंप, स्कूल, कॉलेज बंद रहे.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की. चौहान ने बुधवार को एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'हमारा मध्य प्रदेश शांति का टापू है और मैं पूरे मध्य प्रदेश की जनता से प्रार्थना करना चाहता हूं कि इस शांति को किसी की नजर न लगने दें. हर नागरिक के लिए मेरे दिल का द्वार खुला हुआ है.'

दूसरी ओर कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि बंद के दौरान किसी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए. शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने और बंद करने का अधिकार है.

बता दें कि इससे पहले एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित संगठनों ने 2 अप्रैल को 'भारत बंद' बुलाया था, तब सबसे ज्यादा हिंसा मध्य प्रदेश के ग्वालियर और चंबल संभाग में हुई थी. इस दौरान कई लोगों की जान भी चली गई थी.  इस वजह से इस बार प्रशासन 'भारत बंद' को देखते हुए पूरी तरह सतर्क रहा.

Advertisement

सवर्णों का सबसे ज्यादा विरोध मध्य प्रदेश में दिखा. इसी साल राज्य में विधानसभा का चुनाव होने हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस वक्त राज्य भर का दौरा कर रहे हैं, लेकिन उन्हें इस एक्ट को लेकर भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है.

बीजेपी नेता प्रभात झा, नरेंद्र सिंह तोमर जैसे कई दूसरे नेताओं को भी सवर्ण संगठनों की तरफ से घेरा जा रहा है. उनसे जवाब मांगा जा रहा है, लेकिन बीजेपी के इन सवर्ण नेताओं के लिए उन्हें समझा पाना मुश्किल हो रहा है.

Advertisement
Advertisement