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जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल पर सरकार सख्त, 20 डॉक्टरों को किया सस्पेंड

आज (बुधवार) हड़ताल का तीसरा दिन है. सोमवार को भारी संख्या में जूनियर डॉक्टरों ने इस्तीफा भी दे दिया जिसके बाद कई अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गईं. दरअसल जूनियर डॉक्टर अपना मानदेय (वेतन) बढ़ाने के अलावा दूसरी और मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं.

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हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों की सैलरी बढ़ाने की मांग
हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों की सैलरी बढ़ाने की मांग

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मध्य प्रदेश के 5 शासकीय कॉलेजों में चल रही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल पर सरकार अब सख्त हो गई है. एस्मा लगाए जाने के बाद अब सरकार ने 20 डॉक्टरों को निष्कासित (सस्पेंड) कर दिया है. ये सभी 20 डॉक्टर वो हैं जो हड़ताल का नेतृत्व कर रहे थे. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, रीवा और ग्वालियर के शासकीय मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर बीते 2 दिनों से हड़ताल पर हैं और सरकार के साथ इनकी बातचीत का कई सकारात्मक समाधान नहीं निकला है.

आज (बुधवार) हड़ताल का तीसरा दिन है. सोमवार को भारी संख्या में जूनियर डॉक्टरों ने इस्तीफा भी दे दिया जिसके बाद कई अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गईं. दरअसल जूनियर डॉक्टर अपना मानदेय (वेतन) बढ़ाने के अलावा दूसरी और मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि उनका मानदेय तो बढ़ाया ही जाए इसके अलावा यूनिवर्सिटी की ओर से ली जा रही फीस में कटौती भी की जाए. डॉक्टरों का कहना है कि सरकार उनका मानदेय तो बढ़ा नहीं रही उल्टा आवाज उठाने पर एस्मा लगा दिया गया है, जिसके बाद जूनियर डॉक्टरों को सामूहिक इस्तीफा सौंपना पड़ा है.

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आपको बता दें कि शासकीय मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का प्रतिनिधित्व कर रहे डॉक्टरों के साथ सोमवार को बैठक की थी और उन्हें सोमवार शाम 5 बजे तक का समय दिया गया था कि वो हड़ताल समाप्त कर काम पर लौट जाएं, लेकिन सोमवार शाम 5 बजे तक ये सभी डॉक्टर काम पर नहीं लौटे तो फिर इन 20 जूनियर डॉक्टरों को निष्कासित कर दिया गया.

इन्हें किया गया निष्कासित

हड़ताल का नेतृत्व कर रहे जिन जूनियर डॉक्टरों को निष्कासित किया गया है उनमें जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के 5 जूनियर डॉक्टर हैं. इसके अलवा इंदौर के महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के 5 जूनियर डॉक्टरों के अलावा रीवा के श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय के 5 जूनियर डॉक्टरों के अलावा ग्वालियर के शासकीय मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर भी शामिल हैं.

कांग्रेस ने लगाया आवाज दबाने का आरोप

जूनियर डॉक्टरों के निष्कासन को कांग्रेस ने गलत बताया है. मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी मानक अग्रवाल के मुताबिक कांग्रेस जूनियर डॉक्टरों के साथ खड़ी है और सरकार को उनका निष्कासन तुरंत रद्द करना चाहिए. कांग्रेस ने कहा कि सरकार को जूनियर डॉक्टरों की मांग को मान लेना चाहिए और हड़ताल को समाप्त करवाना चाहिए, क्योंकि जैसे- जैसे हड़ताल आगे बढ़ रही है हालात खराब होते जा रहे हैं और ग्रामीण क्षेत्रों से डॉक्टरों को शहर में बुलाए जाने के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने का खतरा बढ़ गया है.

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