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MP: किसानों को लुभाने की कोशिश में कांग्रेस, प्रदेश कार्यालय में किसान हेल्प डेस्क करेगी शुरू

हेल्प डेस्क एक तरह का राज्यव्यापी कंट्रोल रूम होगा जहां किसानों के लिए हेल्पलाइन नम्बर रहेंगे. इन नम्बरों पर कॉल कर किसान फसल लगाने से लेकर उपज खरीदी तक में आने वाली समस्याओं के बारे में बता सकेंगे.

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मध्य प्रदेश कांग्रेस किसानों को लुभाने के लिए नया पैंतरा अपनाया है. (फाइल फोटो)
मध्य प्रदेश कांग्रेस किसानों को लुभाने के लिए नया पैंतरा अपनाया है. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • MP के कृषि मंत्री बोले- किसानों को भ्रम में रखती है कांग्रेस
  • किसानों को लुभाने की फिराक में कांग्रेस
  • प्रदेश कार्यालय में शुरू करेगी किसान हेल्प डेस्क

साल 2018 विधानसभा चुनाव में किसानों के नाम पर 15 साल के सत्ता का वनवास खत्म करने वाली कांग्रेस अब प्रदेश कार्यालय में किसान हेल्प डेस्क शुरू करने जा रही है जहां प्रदेश भर के किसान अपनी समस्याएं और शिकायत दर्ज करा सकेंगे. हेल्प डेस्क एक तरह का राज्यव्यापी कंट्रोल रूम होगा जहां किसानों के लिए हेल्पलाइन नम्बर रहेंगे. इन नम्बरों पर कॉल कर  किसान फसल लगाने से लेकर उपज खरीदी तक में आने वाली समस्याओं के बारे में बता सकेंगे.

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दरअसल, 2018 में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में 15 साल बाद यदि सरकार बनाई थी तो उसकी एक बड़ी वजह किसानों से किए गए उसके वादे थे. कर्जमाफी का वादा इसमें सबसे ऊपर था जिसके चलते किसानों का वोट बड़ी संख्या में कांग्रेस को मिला. पिछले साल घटे राजनीतिक घटनाक्रम के बाद भले ही कांग्रेस की सरकार गिर गई लेकिन कांग्रेस किसानों से जुड़े मुद्दों और किसानों के वोटबैंक को छोड़ना नहीं चाहती, इसलिए पीसीसी कार्यालय में किसान हेल्प डेस्क की शुरुआत होने जा रही है.

कांग्रेस प्रवक्ता अजय यादव ने आजतक से बात करते हुए बताया कि ' कांग्रेस हमेशा से किसानों के साथ रही है और जब कभी भी राजनीतिक दलों ने किसानों के साथ धोखेबाजी की तो कांग्रेस ने किसानों की लड़ाई भी लड़ी है. कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर सदन तक किसानों के हक की बात पहले भी करती आई है और हेल्पडेस्क आ जाने से किसानों से जुड़ी समस्याओं के बारे में सरकार से सीधा सवाल पूछा जा सकेगा'

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किसानों को भ्रम में रखती है कांग्रेस- कृषि मंत्री

कांग्रेस कार्यालय में किसानों के लिए हेल्प डेस्क की शुरुआत पर मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने आजतक से बात करते हुए कहा कि 'कांग्रेस ने हमेशा से ही किसानों को धोखे में रखा है जबकि असलियत यह है कि कांग्रेस किसानों का इस्तेमाल सिर्फ वोट हासिल करने और चुनाव जीतने के लिए करती है'.

कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ही मध्य प्रदेश के किसानों के हित के बारे में सोचने वाली इकलौती पार्टी है इसलिए कोरोना काल के बावजूद बीते 1 साल में 78 लाख किसानों को पीएम किसान योजना के अंतर्गत 5,400 करोड़ की राशि वितरित की जा चुकी है. इस योजना में केंद्र सरकार 6 हज़ार रुपए देती है जबकि भाजपा की सरकार ने इसमे मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत 4 हज़ार रुपए की राशि और जोड़ दी जिसके कारण किसानों को अब 10 हज़ार रुपए मिलते हैं. शिवराज सिंह की सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021 में भी मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत 3200 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है'. 

उपचुनाव और नगरीय निकाय चुनाव पर नज़र? 
सवाल उठ रहा है कि क्या राजनीतिक दलों की नजर एक बार फिर से किसानों के बड़े वोट बैंक पर लगी हुई है? क्योंकि आने वाले समय में मध्यप्रदेश में दमोह विधानसभा उपचुनाव और खंडवा लोकसभा उपचुनाव होने हैं. इसके अलावा नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव भी इसी साल संभावित है.

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