इंस्टेंट मैसिजिंग सर्विस वाट्सएप पर फेक न्यूज वायरल करना मध्य प्रदेश के सिंगरौली के तीन लोगों को भारी पड़ गया. पुलिस ने एक वाट्सएप ग्रुप एडिमन समेत तीन लोगों को गिरप्तार किया है.
सिंगरौली के कोतवाली थाना प्रभारी मनीष त्रिपाठी से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को सिंगरौली के कुछ वाट्सएप ग्रुपों पर एक युवक के प्राइवेट पार्ट काटने की खबर वायरल हुई थी. वायरल खबर के मुताबिक सिंगरौली के नजदीक खातूर गांव में कुछ लोगों ने एक युवक को महिला के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़ा और युवक का प्राइवेट पार्ट काट दिया, जिसे गंभीर हालत में उसे नेहरु अस्पताल में भर्ती कराया गया. ये खबर जैसे ही इलाके में वायरल होना शुरु हुई तो पुलिस के होश फाख्ता हो गए.
आनन फानन में पुलिस की टीमें खातूर गांव और नेहरु अस्पताल पहुंची. लेकिन वहां जाने पर पाया कि इस गांव में ऐसी कोई घटना नहीं हुई औऱ न ही ऐसे किसी घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बाद सिंगरौली पुलिस की सायबर सुरक्षा समिति ने जांच शुरू की तो उस वाट्सएप ग्रुप का पता चल गया जहां सबसे पहले इस खबर को डाला गया था.
इसके बाद ग्रुप एडमिन और उस ग्रुप से खबर दूसरे ग्रुप में डालने वाले 2 लोगों को पुलिस ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. कोतवाली थाना प्रभारी मनीष त्रिपाठी के मुताबिक ग्रुप एडमिन और खबर को दूसरे ग्रुपों में डालने वाले सुरेंद्र द्विवेदी, राजेंद्र द्विवेदी और गुलाम रज़ा उर्फ राजा को आईटी एक्ट की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया. हालांकि बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया है.
दरअसल कुछ दिन पहले ही सिंगरौली में ही सोशल मीडिया पर बच्चा चोरी की झूठी खबर डालने के बाद फैली अफवाह के चलते एक महिला की हत्या कर दी गई थी. इस खबर के वायरल होते ही पुलिस तंत्र सतर्क हो गया और कुछ घंटो में ही झूठी खबर वायरल करने वालों की तलाशी की गई और अफवाह को शुरुआती स्तर पर ही रोक दिया गया.
सोशल मीडिया पर फेक खबर के खिलाफ सिंगरौली पुलिस का 'ऑपरेशन यतार्थ'
जिले में सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों से बचने के लिए सिंगरौली पुलिस 'ऑपरेशन यतार्थ' भी चला रही है, जिसमें हर थाने से पुलिस की टीम स्थानीय गांवों और कस्बों में जाकर अफवाह से बचने के लिए लोगों को जागरुक कर रही है. ज़िले के एसपी रियाज़ इकबाल खुद इसपर नजर रख रहे हैं.
इस मुहिम के तहत लोगों को पेैंपलेट भी बांटे जा रहे हैं. जिसमें बताया गया है कि संदिग्ध गतिविधि या महिला-पुरुष दिखते ही कानून को हाथ में लेने की बजाय 100 नंबर पर कॉल करें.