मध्य प्रदेश में जल्द ही अब आदिवासी क्षेत्रों में महुआ से बनने वाली शराब को हेरिटेज शराब का दर्जा मिल सकता है. खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी घोषणा की है और कहा है कि जल्द ही इसके लिए नई आबकारी नीति लाई जाएगी.
दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को मंडला में जनजाति गौरव सप्ताह के समापन कार्यक्रम में सभा को संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने महुआ की शराब को हेरिटेज शराब के रूप में मान्यता देने की बात कही. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं भी मानता हूं कि नशा नहीं करना चाहिए, लेकिन कई बार परंपरा में कई चीजें हैं जो करनी पड़ती हैं.
नशा बंद हो, इसके लिए हम नशा मुक्ति अभियान भी चलाएंगे, लेकिन यह क्यों हो कि शराब बड़े लोग ही बेचें. जब हमारे बीच में से कोई अगर कोशिश करे तो पकड़े जाते हैं, मटका फोड़ देते हैं, तरह-तरह से परेशान करते हैं. इसलिए एक नई आबकारी नीति आ रही है. यदि कोई महुआ की परंपरागत शराब बनाएगा तो वह अवैध नहीं होगी, वह हेरिटेज शराब के नाम से शराब की दुकानों पर बिक्री की जाएगी.
शराब को आदिवासी आमदनी का जरिया बनाएंगे
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि हम इस शराब को भी आदिवासी की आमदनी का जरिया बनाएंगे. यदि कोई परंपरागत रूप से महुआ की शराब बनाता है तो उसे बेचने का अधिकार भी उसका ही होगा और सरकार इसे वैधानिक मान्यता देगी.
आपको बता दें कि इससे पहले राजस्थान में लंबे समय से हेरिटेज शराब को मान्यता मिली हुई है. वहीं गोवा की परंपरागत फेनी भी पर्यटकों में खासी मशहूर है.