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रूबी हत्याकांडः तेजाब फेंककर प्रेमिका की हत्या करने वाले को फांसी की सजा

मध्यप्रदेश के मुरैना जिले की अंबाह तहसील की एक अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसले में एक साल पहले तेजाब डालकर अपनी शादीशुदा कथित प्रेमिका की हत्या करने के मामले में एक युवक को फांसी की सजा सुनाई है.

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तेजाब फेंकने के मामले में कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं मौजूद है
तेजाब फेंकने के मामले में कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं मौजूद है

मध्यप्रदेश के मुरैना जिले की अंबाह तहसील की एक अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसले में एक साल पहले तेजाब डालकर अपनी शादीशुदा कथित प्रेमिका की हत्या करने के मामले में एक युवक को फांसी की सजा सुनाई है.

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अपर सत्र न्यायाधीश पी सी गुप्ता ने अपने एक फैसले में अंबाह निवासी आरोपी योगेन्द्र सिंह तोमर को पोरसा निवासी रूबी गुप्ता पर तेजाब डालकर हत्या करने के मामले में दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है.

अदालत ने योगन्द्र के इस कृत्य को ‘जघन्यतम अपराध’ मानते हुए उसे फांसी की सजा सुनाई और टिप्पणी की, ‘उसे फांसी के फंदे पर तब तक लटकाया जाए, जब तक कि उसकी मौत न हो जाए. आरोपी को फांसी की सजा अदालत द्वारा पारित दण्डादेश की हाई कोर्ट द्वारा पुष्टि होने के उपरांत ही दी जाए.’ अदालत ने अपने फैसले में कहा, ‘इस अपराध के लिए आजीवन कारावास की सजा पर्याप्त नहीं है, इसलिए मृत्युदंड दिया जाता है. इससे मृतक के परिजनों के साथ-साथ समाज की आत्मा भी आहत हुई है.’

देश में संभवत: यह पहला मामला है, जब किसी व्यक्ति पर तेजाब फेंकने वाले अपराधी को फांसी की सजा हुई है.

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अभियोजन पक्ष के अनुसार 20 जुलाई 2013 की रात संजू गुप्ता की पत्नी रूबी अपने पिता दाताराम रावत के घर आई थी और उसी दिन आधी रात को जब वह कमरे में सो रही थी, तो योगेन्द्र ने घर में घुसकर सोती हुई रूबी पर तेजाब से हमला कर उसे बुरी तरह से घायल कर दिया. रूबी की चीख सुनकर पास में ही सो रही उसकी दादी चन्द्रकला एवं चचेरे भाई जोनू और राजू उसे बचाने के लिए आए, लेकिन उसने (योगेन्द्र) उन तीनों पर भी तेजाब फेंक दिया, जिससे वे तीनों भी घायल हो गए.

अभियोजन पक्ष के अनुसार हमले में गंभीर रूप से जख्मी रूबी, चन्द्रकला, जोनू और राजू को इलाज के लिए जिला चिकित्सालय में ले जाया गया, जहां अगले दिन रूबी ने दम तोड़ दिया.

योगेन्द्र भी शादीशुदा था, जबकि रूबी की संजू गुप्ता से शादी हुयी थी.

आरोपी योगेन्द्र और रूबी के बीच कथित रूप से प्रेम संबंध थे. रूबी की शादी हो जाने के बाद भी आरोपी योगेन्द्र उस पर दबाब बनाकर उसे अपने साथ ही रखना चाहता था, जबकि वह आरोपी के साथ रहने को तैयार नहीं थी. इस पर योगेन्द्र उससे नाराज रहता था और इसी के चलते उसने तेजाब डालकर उसकी हत्या कर दी.

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योगेन्द्र के खिलाफ पहले आईपीसी की धारा 307, 326 (ए) 3 एवं 450 के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन रूबी की मौत के बाद इसमें भादंवि की धारा 302 भी जोड़ दी गई थी.

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