मंदसौर में किसानों पर हुई गोलीबारी और उससे आग बबूला हुए किसानों के सामने आज केंद्र सरकार पूरी तरह असहाय नज़र आई. सरकार के पास ना तो किसानों के लिए कोई जवाब था और न ही विपक्ष के लिए. मोदी के वे मंत्री जो बात-बात पर विरोधियों के आरोपों का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए बढ़ चढ़कर तैयार रहते थे वे आज मुंह छिपाए फिर रहे हैं.
इस पूरे मामले पर सबसे ज्यादा चुप्पी तो खुद केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने साध रखा है. उन्होंने मंगलवार को ट्विटर पर सूचना दी कि वे बुधवार दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे, लेकिन किसानों का गुस्सा बेकाबू होता देख उन्होंने मीडिया से दूरी बनाना ही ठीक समझा और प्रेस कॉन्फ्रेंस कैंसिल कर दी. वे मीडिया से बचते रहे और आज दफ्तर भी नहीं गए. जनजातीय क्षेत्रों में किसानों के सशक्तिकरण मुद्दे पर आयोजित कार्यशाला में भाषण देकर पिछले दरवाजे से निकल गए.
ऐसा नहीं है कि सिर्फ कृषि मंत्री ही इस मुद्दे पर कन्नी काट रहे हैं. इस मुद्दे पर कैबिनेट में हुई चर्चा के बाद निर्धारित सरकार के प्रवक्ताओं की पत्रकार वार्ता भी बकायदा सूचना देने के बाद कैंसिल कर दी गई. हालांकि कैबिनेट की बैठक के तुरंत बाद प्रधानमंत्री ने सीनियर मंत्रियों के साथ इस घटना पर चर्चा जरूर की लेकिन किसानों के लिए किसी मंत्री के मुंह से राहत की कोई बात सुनाई नहीं पड़ी.