scorecardresearch
 

नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर गिरफ्तार, धार जेल भेजा गया

धार के कलेक्टर श्रीमन शुक्ला से बताया कि मेधा को बड़वानी जाने से रोका गया, क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने 31 जुलाई तक सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्रों को खाली करने का आदेश दिया है. वह तारीख बीत गई है, डूब क्षेत्रों को खाली कराने में देर हो रही है. मेधा के बड़वानी पहुंचने से विस्थापितों के उग्र होने की आशंका थी.

Advertisement
X
अनशन पर हैं मेधा पाटकर
अनशन पर हैं मेधा पाटकर

Advertisement

मध्यप्रदेश में सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ने से डूब में आने वाले हजारों लोगों के हक के लिए बेमियादी अनशन कर रहीं नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर को बुधवार को इंदौर के बॉम्बे अस्पताल से निकालकर शाम के वक्त बड़वानी जाते समय रास्ते में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. मेधा ने जब मुचलका भरने से इनकार कर दिया, तो उन्हें धार की जिला जेल भेज दिया गया.

मेधा पाटकर 27 जुलाई से ही धार जिले के चिखल्दा गांव में अपने 11 साथियों के साथ अनशन कर रही थीं. सोमवार को पुलिस बल ने उन्हें जबरन उठाकर एंबुलेंस में डाल दिया और इंदौर के बॉम्बे अस्पताल में भर्ती करा दिया था. उन्हें अस्पताल में पूरी तरह नजरबंद रखा गया, किसी को भी उनसे मिलने नहीं दिया गया. मेधा ने अस्पताल में भी अनशन जारी रखा. अनशन के 14वें दिन बुधवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी लेकिन शाम को बड़वानी जाते वक्त रउन्हें रास्ते में ही गिरफ्तार कर लिया गया. इंदौर के पुलिस कमिश्नर संजय दुबे ने इस बात की पुष्टि की है.

Advertisement

धार के कलेक्टर श्रीमन शुक्ला से बताया कि मेधा को बड़वानी जाने से रोका गया, क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने 31 जुलाई तक सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्रों को खाली करने का आदेश दिया है. वह तारीख बीत गई है, डूब क्षेत्रों को खाली कराने में देर हो रही है. मेधा के बड़वानी पहुंचने से विस्थापितों के उग्र होने की आशंका थी.

आंदोलन का मकसद

सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाकर 138 मीटर किए जाने से मध्यप्रदेश की नर्मदा घाटी के 192 गांवों और इनमें बसे 40 हजार परिवार प्रभावित होने वाले हैं. पुनर्वास के लिए जहां नई बस्तियां बसाने की तैयारी चल रही है, वहां सुविधाओं का अभाव है. इसलिए अधिकांश लोग उन बस्तियों में जाने को तैयार नहीं हैं. मेधा इनके पुनर्वास के बेहतर इंतजाम की मांग को लेकर आंदोलन कर रही हैं. राज्य की बीजेपी सरकार उनका आंदोलन अब अपने तरीके से खत्म कराने का प्रयास कर रही है.

 

Advertisement
Advertisement