शिवराज सरकार में 'रईस' मंत्री और खनन कारोबारी पर लगातार मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. आयकर विभाग के शिकंजे में फंसे संजय पाठक इस मुसीबत से अपने परिवार और सगे-संबंधियों को बचाने की जुगत में लग गए हैं. खबर है कि पाठक अपने परिवार के सदस्यों को कानूनी तौर पर खुद से अलग करने की तैयारी में हैं. उनके परिवार के सदस्यों को उनकी कंपनियों के निदेशक मंडल से हटा दिया गया है.
घोटाले में आया नाम तो मिला नोटिस
आपको याद दिला दें कि संजय पाठक पिछले दिनों 500 करोड़ के हवाला घोटाले में अपनी कथित भूमिका के चलते चर्चा में आए थे. जिसके बाद आयकर विभाग ने पाठक और उनकी कंपनी आनंद माइनिंग कारपोरेशन को नोटिस जारी किया था. आयकर विभाग ने संजय पाठक के परिवार से जुड़ी कंपनियों और संस्थाओं को चार नोटिस भेजे हैं. आयकर विभाग ने मंत्री के परिवार से जुड़ी कंपनियों और फर्मों को नोटिस देकर पिछले छह साल का हिसाब मांगा है. मंत्री बनने के पहले संजय पाठक भी इन कंपनियों में डायरेक्टर थे.
शिवराज के रईस मंत्री
सूक्ष्म मध्यम और लघु उद्योग मंत्री के पद पर बैठे संजय पाठक मध्य प्रदेश के सबसे रईस मंत्री हैं. चुनाव के समय संजय पाठक ने करीब 140 करोड़ रुपये की संपत्ति दिखाई थी. ढाई साल पहले संजय पाठक कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए और उपचुनाव जीतने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्री पद की जिम्मेदारी दी थी.