मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे वन मंत्री उमंग सिंघार को मंगलवार शाम अपने घर बुलाया. दरअसल, पिछले कुछ दिनों से सिंघार लगातार दिग्विजय सिंह पर हमला बोल रहे थे. सिंघार दिग्विजय सिंह को ब्लैकमेलर बताने के साथ-साथ उन पर शराब और खनन माफिया को संरक्षण देने के आरोप लगा रहे थे.
मुख्यमंत्री के घर पर सिंघार के साथ कमलनाथ की बैठक करीब एक घंटे तक चली. बैठक के बाद से सिंघार दिग्विजय के खिलाफ बयानबाजी करने से परहेज कर रहे हैं. इससे पहले पिछले दो दिन से लगातार वे दिग्विजय सिंह के खिलाफ बयान दे रहे थे.
सिंघार के साथ बैठक के तत्काल बाद धार के असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर संजीव दुबे का तबादला कर दिया गया. सिंघार हाल फिलहाल में दुबे के ट्रांसफर के लिए तीन बार आग्रह कर चुके थे. लेकिन बताया जाता है कि तीनों मौकों पर दिग्विजय सिंह ने दुबे का ट्रांसफर नहीं होने दिया.
बताया जा रहा है कि सिंघार ने उसी अधिकारी की कथित ऑडियो क्लिप भी मुख्यमंत्री को भेजी थी. जिसमें अधिकारी को कहते सुना जा सकता है कि स्थानीय विधायक शराब माफिया से प्रोटेक्शन मनी हासिल कर रहे हैं. सिंघार ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि दिग्विजय सिंह उस शराब माफिया को संरक्षण दे रहे थे, जो मध्य प्रदेश से शराब गुजरात ले जा रहा था.
इस बीच दिग्विजय सिंह दिल्ली के लिए रवाना हो गए. वे 6 सितंबर को भोपाल लौटेंगे. तब तक सिंघार के साथ वे सभी मंत्री जो दिग्विजय सिंह को समर्थन दे रहे हैं, मौन रह सकते हैं. मुख्यमंत्री के दफ्तर से उन्हें ऐसा करने की हिदायत दी गई है. मंगलवार को दिल्ली रवाना होने से पहले दिग्विजय सिंह ने कहा था कि वे वापसी के बाद सिंघार के साथ होंगे. इस पर सिंघार ने चुटकी ली थी और कहा, 'मैं उन्हें बिना चीनी की चाय पेश करूंगा.'
बता दें कि उमंग सिंघार दिवंगत आदिवासी नेता जमुना देवी के भतीजे और राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं. जमुना देवी दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्री काल में डिप्टी सीएम रही थीं. बाद में उन्होंने राज्य में 'नेता विपक्ष' की भूमिका भी निभाई.