दिल्ली में हर साल पराली जलने की वजह से होने वाले प्रदूषण से सबक लेते हुए मध्य प्रदेश में अब पराली जलाने का विकल्प तलाशने की कोशिश तेज़ हो गयी है. मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने बयान दिया है कि अब राज्य में पराली से बायोगैस बनाई जाएगी.
उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों के साथ विचार विमर्श कर मध्य प्रदेश में पराली से उपयोगी बायोगैस बनाने के उपाय पर अमल शुरू किया जा रहा है, बहुत जल्द आवश्यक प्लांट की स्थापना के लिए पहल की जाएगी. इससे किसानों और शासन के लिए संकट बनी पराली का बेहतर उपयोग हो सकेगा. पराली से बनी इस बायोगैस का उर्जा के तौर पर इस्तेमाल हो सकेगा.
कृषि मंत्री पटेल ने बताया कि 'खेतों में पराली जलाने से प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच रहा है, किसानों के पास इसके अलावा कोई आसान विकल्प भी नहीं है. इस कारण देश की अर्थव्यवस्था के असली नायक अन्नदाता किसान को समाज और लोग कई बार विलेन की तरह देखने लगते हैं, जबकि पराली इसलिए ज्यादा बड़ी समस्या बन गयी है क्योंकि आजकल किसान हार्वेस्टर का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं और किसान के पास इसे जलाने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं रहता'.
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि 'किसानों के साथ जुड़ी दिक्कतों को समझे बिना इसका हल नहीं निकल सकता और इसका समाधान किसान को जेल पहुंचाकर नहीं निकाला जा सकता. इसके लिए सरकारों को सहयोगी बनकर रास्ता निकालना होगा'.