मध्य प्रदेश में 'लव जिहाद' के खिलाफ लाए गए 'धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश 2020' को लागू किए एक महीने हो चुके हैं. इस दौरान प्रदेश में नए कानून के तहत कुल 23 मामले दर्ज किए गए हैं. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने खुद इस बात की जानकारी दी. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जनवरी से लेकर अब तक 'धर्म स्वातंत्र्य कानून' के तहत कुल 23 मामले दर्ज हुए हैं. सबसे ज्यादा भोपाल संभाग में 7 मामले दर्ज हुए हैं. इसके बाद इंदौर में 5, जबलपुर और रीवा में 4-4 मामले और ग्वालियर संभाग में 3 मामले दर्ज किये गये हैं'
गृह मंत्री ने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है. बड़े पैमाने पर बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन करा कर विवाह कराया जा रहा है. हम पहले ही कह रहे थे कि कुछ ऐसी ताकतें है जो इस तरह के काम कर रही है. इसलिए मध्य प्रदेश सरकार ने पहल कर इसे रोकने के लिए धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020 लागू किया है.
बता दें, इसी साल जनवरी में शिवराज सरकार ने धर्मांतरण रोकने के लिये धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश 2020 लागू किया था. इसके तहत धोखा देकर शादी के लिये धर्मांतरण कराने पर सख्त सजा का प्रावधान है.
नए कानून में कुल 19 प्रावधान हैं, जिसके तहत अगर धर्म परिवर्तन के मामले में पीड़ित पक्ष के परिजन शिकायत करते हैं तो पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी. अगर किसी शख्स पर नाबालिग, अनुसूचित जाति/जनजाति की बेटियों को बहला फुसला कर शादी करने का दोष सिद्ध होता है तो उसे दो साल से 10 साल तक कि सजा दी जाएगी.
इसके अलावा अगर कोई शख्स धन और संपत्ति के लालच में धर्म छिपाकर शादी करता हो तो उसकी शादी शून्य मानी जाएगी.