मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों को नेता जोर-शोर से प्रचार में जुट गए हैं. राजधानी भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी रैली कर प्रचार अभियान का आगाज कर चुके हैं. राज्य में दोनों ही दल जीत के लिए दांव खेल रहे हैं और कांग्रेस चाहती है कि 15 साल का सूखा खत्म कर सत्ता में वापसी करे.
रीवा जिले की मऊगंज विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है और सुखेंद्र सिंह यहां से वर्तमान विधायक हैं. करीब 1.86 लाख मतदाता वाली इस सीट पर जनसंघ से लेकर बीजेपी, कांग्रेस, बीएसपी और भारतीय जनशक्ति पार्टी चुनाव जीत चुकीं हैं. हालांकि इस बार के चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुकाबला देखने को मिल सकता है.
2013 चुनाव के नतीजे
कांग्रेस की परंपरागत सीट कही जाने वाली मऊगंज से 2013 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सुखेंद्र सिंह को जीत मिली थी. इस चुनाव में कांग्रेस का मुकाबला भारतीय जनशक्ति पार्टी का साथ छोड़ बीजेपी में शामिल हुए लक्ष्मण तिवारी से था जो करीब 10 हजार वोटों से चुनाव हार गए थे. इस साल करीब 17 हजार वोटों के साथ बीएसपी तीसरे पायदान पर रही थी.
2008 चुनाव के नतीजे
इस बार मुख्य मुकाबला बीजेपी और भारतीय जनशक्ति पार्टी के बीच था. हालांकि नतीजों में जनशक्ति पार्टी के लक्ष्मण तिवारी ने 4879 वोटों से जीत दर्ज की, जबकि बीजेपी के अखंड प्रताप सिंह को करीब 19 हजार वोट हासिल हुए. कांग्रेस इस चुनाव में 17 फीसद वोटों से साथ चौथे स्थान पर रही और 18.3 फीसद वोट हासिल कर बीएसपी तीसरे स्थान की पार्टी बनी.
मध्यप्रदेश की ज्यादातर सीटों पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. यहां 2003 से बीजेपी की सरकार है और इससे पहले 10 साल तक कांग्रेस ने राज किया था. 2013 के विधानसभा चुनाव में कुल 230 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 165 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी. कांग्रेस 58 सीटों तक सिमट गई थी. जबकि बसपा ने 4 और अन्य ने 3 सीटों पर जीत हासिल की थी.