मंगलवार 29 नवंबर 2016 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक रिकॉर्ड बनाया. ये रिकॉर्ड है मध्यप्रदेश में सबसे लंबे वक्त तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का. 29 नवंबर को शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री बने पूरे 11 साल हो गए.
शिवराज सिंह चौहान ने 29 नवंबर 2005 को मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. उसके बाद शिवराज की अगुवाई में बीजेपी ने साल 2008 और साल 2013 के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की. दिसंबर 2013 को शिवराज सिंह चौहान ने तीसरी बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. मुख्यमंत्री के तौर पर 11 साल पूरे होने पर बीजेपी ने पूरे मध्यप्रदेश में दीपोत्सव मनाया. इस दौरान कई कार्यक्रम हुए. शिवराज सिंह चौहान इस दौरान भोपाल के शिवाजी नगर के अपने पुराने स्कूल भी गए और बच्चों से मुलाकात कर उन्हे किताबें बांटी.
शिवराज का दावा- बदल रहा है मध्यप्रदेश
11 साल मुख्यमंत्री पद पर पूरा करने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उनके कार्यकाल में मध्यप्रदेश ने कई बदलाव देखे हैं. सीएम शिवराज ने बताया कि उनके कार्यकाल में राज्य में सड़कों की स्थिति पहले से काफी बेहतर हुई है. अब एमपी में रोड का नेटवर्क 1 लाख 60 हज़ार किलोमीटर तक पहुंच गया है. प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है और जीवन स्तर सुधरा है. बिजली की मांग बढ़ने के साथ ही उसके उत्पादन में भी राज्य़ आगे रहा जिसके कारण एमपी में अब एक्सेस बिजली रहती है. हालांकि, राज्य में दलितों पर अत्याचार की खबरों और शिशु मृत्यू दर को लेकर उनपर कई बार सवाल भी खड़े हुए.
कई बार रहे विरोधियों के निशाने पर
शिवराज सिंह चौहान अपने 11 सालों के मुख्यमंत्री कार्यकाल में कई बार विरोधियों के निशाने पर रहे. सबसे पहले उनके और उनके परिवार के उपर डंपर घोटाले के आरोप लगे. इसके बाद शिवराज सिंह चौहान का नाम व्यापमं घोटाले में आया जिसने देशभर में उनकी छवि पर सवाल खड़े कर दिए. शिवराज पर हमले उस वक्त और तेज़ हुए जब व्यापमं घोटाले से जुड़े कई लोगों की रहस्यमयी तरीके से मौतें हुई. हाल ही में भोपाल जेल से भागे सिमी आतंकियों के एनकाउंटर के बाद शिवराज सिंह चौहान पर फिर से आरोपों की बौछार हुई लेकिन इनकाउंटर के बाद हुए शहडोल और नेपानगर उपचुनाव में मिली जीत ने एक बार फिर साबित किया कि फिलहाल मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान का विकल्प ढूंढना विपक्षी दलों के लिए बेहद ही चुनौतीपूर्ण होगा.