
मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग में इस साल हुई भारी बारिश और उससे आई बाढ़ के बाद 1200 से ज्यादा गांव प्रभावित हुए. नदियों का जलस्तर इतना ज्यादा था कि कई दिनों तक गांवों का संपर्क हर तरफ से कट गया था. इनमे से कुछ गांव ऐसे हैं जो हर साल बाढ़ जैसे हालातों का सामना करते हैं. अब ऐसे गांवों को ऊंची और सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा.
दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जारी राहत और पुनर्वास कार्यों की जिलेवार समीक्षा की. इस दौरान केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत मध्य प्रदेश सरकार के कई मंत्री और अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए जुड़े थे.
इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि 'बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर पूर्ण किया जाए. जो गांव हर साल बाढ़ से प्रभावित होते हैं, उन्हें ऊंचे स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा. इसके अलावा जिन परिवारों के मकान बाढ़ से प्रभावित हुए हैं उनके लिए नए आवास ऊंचे स्थानों पर ही स्वीकृत किए जाएंगे. मुख्यमंत्री को बैठक में बताया गया कि बाढ़ प्रभावितों को छह-छह हजार रुपये की राहत राशि मिलना शुरू हो गई है. अब तक 6 करोड़ 50 लाख रुपये वितरित किए जा चुके हैं.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर पूर्ण किया जाए। मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जारी राहत और पुनर्वास कार्यों की जिलेवार समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए। pic.twitter.com/xD3nWtLkUp
— CMO Madhya Pradesh (@CMMadhyaPradesh) August 14, 2021
इसे भी क्लिक करें --- बाढ़ से बेहाल MP, राजस्थान और बिहार, कहीं पुल टूटा तो कहीं सेना ने चलाए रेस्क्यू ऑपरेशन
16 अगस्त को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में केंद्रीय दल
बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि अतिवृष्टि और बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने केंद्रीय दल 16 अगस्त को क्षेत्र का दौरा करेगा.
अगस्त के शुरुआती हफ्ते में जोरदार बारिश के बाद चंबल, पार्वती, सीप, कूनो और सिंध नदियों का जलस्तर बहुत तेज़ी से बढ़ा था और इसके चलते ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया, श्योपुर, गुना, शिवपुरी और अशोकनगर में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे जिसमें जान माल का खासा नुकसान हुआ था.