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MP: रिजॉर्ट में शिवराज का मंत्रियों के साथ मंथन, कांग्रेस ने लगाए फिजूलखर्ची के आरोप

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रियों संग भोपाल के पास सीहोर में बने एक आलीशान रिजॉर्ट में बैठक की. इस दौरान अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की गई. हालांकि बैठक के खिलाफ कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा और खर्चे का हिसाब मांगा है.

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फाइल)
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फाइल)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लग्जरी रिजॉर्ट में मंत्रियों संग शिवराज की बैठक
  • बैठक पर हमलावर कांग्रेस, मांगा खर्चे का हिसाब
  • दाल-रोटी के खर्चे को जोड़ना दुर्भाग्यपूर्णः बीजेपी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मंत्रियों संग एक बैठक को लेकर विपक्ष के निशाने पर हैं. मुख्यमंत्री और उनके सभी मंत्री सोमवार को दिनभर भोपाल के पास सीहोर में बने एक रिजॉर्ट में रहे, जहां अलग-अलग मुद्दों पर मंथन किया गया. कांग्रेस ने इस बैठक पर कई अहम सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस ने पूछा है कि यह बैठक मंत्रालय में न होकर, लग्जरी रिजॉर्ट में क्यों हो रही है. कांग्रेस ने बैठक को फिजूलखर्ची भी बताया. 

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को सीहोर में कैबिनेट के सदस्यों के साथ अनौपचारिक बैठक में कोरोना नियंत्रण के साथ-साथ कई मुद्दों पर मंथन किया, जिसमें कोरोना से लेकर विकास की कई योजनाओं पर बातचीत हुई. भोपाल से सटे सीहोर में लग्जरी ग्रेसेस रिजॉर्ट के अंदर सरकार का यह मंथन हुआ जिसमें सभी मंत्री मौजूद रहे. 

बैठक में विकास के लिए क्या रोडमैप रहेगा, इस पर भी बातचीत की गई तो वहीं कोरोना की तीसरी लहर अगर आती है तो उसके लिए क्या तैयारियां पहले से रखनी हैं, उस पर भी चर्चा हुई. बैठक सुबह से लेकर शाम तक चली जिसमें सुबह का नाश्ता, दोपहर का खाना और शाम की हाई टी की व्यवस्था थी. शाम को बैठक खत्म हुई जिसके बाद सभी भोपाल वापस आ गए. 

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कांग्रेस ने बताया फिजूलखर्ची

रिजॉर्ट में हुई मंथन बैठक पर कांग्रेस ने सवाल खड़े करते हुए इसे फिजूलखर्ची बताया. कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता और नरेंद्र सलूजा ने आजतक से बात करते हुए कहा कि इस कोरोना महामारी में भोपाल के सरकारी भवन छोड़कर सीहोर में लाखों रुपये खर्च कर पिकनिक की तरह आलीशान रिजॉर्ट में बैठक रखने का क्या औचित्य है?

कांग्रेस ने सवाल किया कि जब भोपाल में करोड़ों रुपये का सचिवालय बनाया गया है, जहां बिना खर्च के यह बैठक आयोजित की जा सकती थी तो फिर क्या कारण है कि इसे लाखों रुपये खर्च कर सीहोर में एक निजी आलीशान रिजॉर्ट में पिकनिक की तरह रखा गया? एक तरफ मध्य प्रदेश में हजारों लोगों की कोरोना के कारण जान जा चुकी है, कई लोग आज भी अस्वस्थ होकर जीवन-मृत्यु से संघर्ष कर रहे हैं और ऐसे में संकट के इस दर्दनाक माहौल में भी सरकार भोपाल छोड़कर रिजॉर्ट में लाखों रुपये खर्च कर बैठक कर रही है? बीजेपी नेताओं को अभी भी पर्यटन ही सूझ रहा है? सरकार को बैठक में हुए खर्चे की जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए.

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बीजेपी ने कांग्रेस पर उठाए सवाल 

कांग्रेस के सवालों पर बीजेपी की भी प्रतिक्रिया आई. पार्टी उपाध्यक्ष रजनीश अग्रवाल ने 'आजतक' से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में सिर्फ लूट खसोट का काम होता है इसलिए वो सबको अपने जैसा ही समझते हैं. कोरोना के इस तनाव भरे दौर के बाद जब थोड़े हालात संभले हैं तो मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने मंथन के लिए प्रकृति के बीच जाकर बातचीत करना ठीक समझा, इसलिए रिजॉर्ट में बैठक हुई. 

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब इसमें दाल-रोटी खाने के खर्चे को भी जोड़ रही है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. कांग्रेस को चाहिए कि वो मुद्दों और तथ्यों पर बहस करे तो उसके लिए ज्यादा बेहतर होगा. बेवजह किसी भी बात पर सवाल खड़े करना कांग्रेस की पुरानी आदत है. वैसे भी इस बैठक में कोई इतना बड़ा खर्चा नहीं हुआ होगा जितना कांग्रेस इसे तूल दे रही है. 
 

 

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