व्यापम घोटाले की आंच से मध्य प्रदेश विधानसभा का माहौल गुरुवार को एक बार फिर गर्म रहा. करीब दो घंटे तक सत्ता और विपक्ष के हंगामे के बाद सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया. जबकि शोर-शराबे के बीच सरकार ने बजट प्रस्ताव पास करवा लिया.
सत्ता पक्ष ने आरोप लगाया कि विपक्ष मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भाषण को सुनने की इच्छा नहीं रखता और जानबूझकर हंगाम किया जा रहा है, वहीं कांग्रेस ने घोटाला मामले में एक बार फिर सीएम के इस्तीफे की मांग की. कांग्रेस ने कहा कि व्यापम मामले में राज्यपाल पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है और मुख्यमंत्री के खिलाफ भी वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने एसआईटी को दस्तावेज सौंपे हैं. मुख्यमंत्री भयभीत हैं इसलिए सदन नियोजित तरीके से स्थागित किया गया है.
कांग्रेस नेता अजय सिंह ने कहा, 'शिवराज सिंह जी भयभीत हैं. राज्यपाल पर एफआईआर के बाद बाद उनको पूरी उम्मीद है कि उनका नाम भी शामिल हो जाएगा और उनको अपनी कुर्सी छोड़ना पड़ेगी. लिहाजा सुनियोजित तरीके से ये लोग नहीं चाहते थे कि सदन चले.'
दूसरी ओर, संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, 'हम निंदा प्रसतव लेकर आए हैं. जिस तरह सदन और मीडिया का उपयोग गलत बयानबाजी के लिए किया जा रहा है, वह निंदनीय है. वो बोलने नहीं दे रहें और ये तरीका गलत है. कांग्रेस हमारी इमेज खराब कर रही है.'