मध्य प्रदेश के राज परिवार से आने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी ही पार्टी यानी कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका दिया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ से नाराज चल रहे सिंधिया ने मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. सिंधिया ने खुद ट्वीट कर अपने इस्तीफे की जानकारी दी है. सिंधिया के इस्तीफे के बाद उनके खेमे के 22 कांग्रेस विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया है. बिसाहू लाल सिंह ने तो विधायक पद से इस्तीफा देने के साथ ही कांग्रेस पार्टी भी छोड़ दी है और वह बीजेपी में शामिल हो गए हैं. विधायकों के इस्तीफे के बाद बीजेपी नेताओं ने विधानसभा स्पीकर से मुलाकात की.
भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने विधायकों के इस्तीफे की मूल कॉपी विधानसभाध्यक्ष एन.पी. प्रजापति को सौंपी. भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह कांग्रेस के 19 विधायकों के इस्तीफों की मूल प्रतियां लेकर भोपाल पहुंचे थे. भूपेंद्र सिंह ने अन्य भाजपा नेताओं नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, बृजेंद्र सिंह के साथ विधानसभाध्यक्ष एन.पी. प्रजापति के आवास पर पहुंचकर विधायकों के इस्तीफे की मूल प्रति सौंपी.
इस्तीफे देने वाले 22 विधायकों में 6 मंत्री भी शामिल हैं. ये विधायक कर्नाटक में हैं और वहीं से बाकायदा एक तस्वीर भी जारी की गई है.
सपा-बसपा विधायकों का भी बीजेपी को समर्थन!
बीजेपी और समाजवादी पार्टी के एक-एक विधायक भी बीजेपी को समर्थन दे सकते हैं. बीएसपी के विधायक संजीव कुशवाहा और सपा विधायक राजेश शुक्ला शिवराज सिंह चौहान से मिलने उनके घर पहुंचे हैं. हालांकि, इस मुलाकात को शिवराज सिंह चौहान ने होली से जोड़कर बताया है. शिवराज सिंह ने कहा है कि वो सिर्फ होली के अवसर पर मुलाकात करने आए थे, इसमें कोई राजनीति नहीं है.
कांग्रेस ने बताया गद्दारी
दूसरी तरफ सिंधिया के इस्तीफे ने कांग्रेस में हलचल पैदा कर दी है. सिंधिया के इस फैसले को कांग्रेस ने गद्दारी बताया है. लोकसभा में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अब मध्य प्रदेश में हमारी सरकार नहीं बच पाएगी. हालांकि, एमपी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कांतिलाल भूरिया को अब भी पूरा भरोसा है.
सिंधिया के इस्तीफे के बीच कांतिलाल ने भोपाल में मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की. मुलाकात के भूरिया ने भरोसा जताया कि कांग्रेस सरकार मजबूत है और यह चलती रहेगी. उन्होंने कहा कि किसी के कहने से सरकार नहीं गिरेगी, हमारे पास पर्याप्त संख्या है.
इस्तीफे से पहले पीएम मोदी से साथ सिंधिया की बैठक
वहीं, इस्तीफा देने से पहले सिंधिया दिल्ली में मंगलवार सुबह अपने आवास से निकलकर सीधे गृहमंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे और इसके बाद शाह के साथ ही वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पहुंच गए. पीएम के आवास पर सिंधिया की बैठक सुबह 10.45 बजे शुरू हुई.
करीब एक घंटे तक पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच बैठक चली. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद सिंधिया अमित शाह की कार में बैठकर ही बाहर निकले. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) March 10, 2020
सिंधिया ने अपना इस्तीफा पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजने के साथ ही इसे अपने ट्विटर हैंडल पर भी साझा किया है. सिंधिया ने इस इस्तीफे में कहा है कि वे जनसेवा के लिए राजनीति में आए हैं और बीते कुछ समय से कांग्रेस में रहते हुए ऐसा नहीं कर पा रहे थे.
विधानसभा का गणितमध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं. यहां 2 विधायकों का निधन हो गया है. इस तरह से विधानसभा की मौजूदा शक्ति 228 हो गई है. कांग्रेस के पास कुल 121 विधायकों का समर्थन हासिल था, जिनमें से 22 ने इस्तीफे दे दिए हैं. यानी अब कांग्रेस के पास 99 विधायकों का ही समर्थन रह गया है. जबकि बीजेपी के पास अपने 107 विधायक हैं.
22 विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा की संख्या 206 रह जाएगी, जिसके लिहाज से बहुमत के लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी. ऐसे में ताजा आंकड़ों के हिसाब से बीजेपी कांग्रेस से आगे है और उसके पास सरकार बनाने का मौका दिखाई दे रहा है. हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष एन.पी. प्रजापति ने कहा है कि वो नियमों के हिसाब से ही आगे की कार्रवाई करेंगे.
क्या पिता माधवराव की तरह कांग्रेस से अलग होने का कोई फैसला लेंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया?