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मृतक किसानों के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपये देगी शिवराज सरकार, घायलों का होगा मुफ्त इलाज

मध्यप्रदेश में चल रहे किसानों के प्रदर्शन ने मंगलवार को हिंसक रूप ले लिया. मंदसौर में धरने पर बैठे किसानों पर पुलिस ने फायरिंग की. फायरिंग में 2 किसान की मौत हो गई. जबकि 3 किसान जख्मी हो गए.

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मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन उग्र हुआ
मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन उग्र हुआ

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मध्यप्रदेश में चल रहे किसानों के प्रदर्शन ने मंगलवार को हिंसक रूप ले लिया. मंदसौर में धरने पर बैठे किसानों पर पुलिस ने फायरिंग की. फायरिंग में 5 किसान की मौत हो गई, जबकि कई अन्य जख्मी हो गए. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले को लेकर अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई. हालांकि सरकार ने पुलिस की गोली चलाए जाने की घटना का खंडन किया है. गृहमंत्री का कहना है कि मंदसौर में पुलिस ने कोई गोली नहीं चलाई. गोली चलने की घटना की जांच के आदेश दिये गए हैं और कुछ इलाकों में कर्फ्य़ू भी लगाना पड़ा है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना के पीछे कांग्रेस का हाथ बताया. शिवराज ने कहा कि कांग्रेस के नेता पूरे आंदोलन को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं. असामाजिक तत्व किसान आंदोलन में शामिल हुए, जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने सभी मृतकों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये की मदद देने की घोषणा की. इसके अलावा घायलों को 5-5 लाख रुपये दिए जाएंगे और इसके साथ उनका इलाज भी मुफ्त कराया जाएगा. मृतकों के परिवार में से एक सदस्य को नौकरी भी दी जाएगी.

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वहीं कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मध्य प्रदेश के इतिहास में आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ. हमारे अन्नदाताओं पर गोली चलाना दुखदायी और दिल को दहलाने वाला है. प्रदेश के लिए ये एक काला दिन है. राहुल गांधी ने सवाल किया है कि कि क्या बीजेपी के न्यू इंडिया में अन्नदाताओं को हक मांगने पर गोली मिलती है.

इंटरनेट सेवा बंद
मंदसौर में किसानों पर पुलिस की फायरिंग के बीच प्रशासन ने इलाके में इंटरनेट सेवाओं पर भी बैन लगा दिया है. मंदसौर, रतलाम और उज्जैन में इंटरनेट सेवा पूरी तरीके से बंद कर दी गई है. साथ ही बल्क मैसेज करने पर भी पाबंदी लगा दी गई है.

राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने आंदोलन को और बड़ा रूप देने की चेतावनी दी है. किसान मजदूर संघ ने बुधवार को प्रदेश व्यापी बंद का ऐलान किया है. किसानों के प्रदर्शन के बीच अलग-अलग इलाकों से झड़प की खबरें आ रही हैं. सुवासरा में किसानों और व्यापारियों के बीच झड़प का मामला सामने आया है. व्यापारियों ने विरोध में अनिश्चितकाल के लिए पूरा शहर बंद कर दिया है.

इससे पहले मंदसौर में आक्रोशित किसानों ने दलौदा स्टेशन पर रेलवे फाटक तोड़ दिया था. साथ ही पटरियों की फिश प्लेट निकालने का भी किसानों पर आरोप लगा था. इसके अलावा दूसरी सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया.

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सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से धैर्य रखने की अपील की है. शिवराज सरकार ने मृतक के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया है, वहीं गंभीर रूप से घायलों को एक लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. सीएम शिवराज ने मंदसौर की घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए ट्वीट किया कि घायलों के इलाज की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार उठाएगी. शिवराज ने कहा कि किसान किसी के बहकावे में ना आएं.

सीएम शिवराज ने बताया कि किसान भाइयों की सभी वाजिब मांगें मान ली गई हैं और इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए गए हैं. शिवराज ने कहा, 'मेरी सरकार किसानों की सरकार है. हमारी सरकार ने सदैव किसानों के हित में आगे बढ़कर कार्य किए हैं.'

जमकर हुआ बवाल
राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा ने कहा कि पुलिस की गोली में पांच किसानों की जान गई है और कई अन्य घायल हुए हैं. मृतकों में बबलू पाटीदार, सरेंद्र पाटीदार, कन्हैया, अखिलेश (छात्र), और सत्यनारायण शामिल हैं. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, राज्य में किसान अपनी मांगों को लेकर मंगलवार सुबह से अलग-अलग स्थानों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. नीमच-मंदसौर मार्ग पर स्थित पिपलिया मंडी में भी किसान सड़कों पर उतरे. किसानों ने सड़क से गुजरते ट्रकों से सब्जी और फलों को फेंकना शुरू कर दिया. कई वाहनों पर पथराव किया और तोड़फोड़ की. पुलिस बल और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों ने किसानों को खदेड़ने की कोशिश की.

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एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियां बरसानी शुरू कीं तो किसानों ने पथराव कर दिया. पुलिस ने भी पत्थरों का इस्तेमाल किया. इसी दौरान पुलिस ने गोलीबारी शुरू कर दी. सबसे पहले गोली बबलू पाटीदार को लगी, एक मोटर साइकिल सवार बबलू को अपनी मोटरसाइकिल से लेकर मंदसौर जिला अस्पताल की ओर बढ़ा, उस पर भी पुलिस वालों ने लाठियां बरसाईं. बबलू की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई. बबलू पाटीदार को अस्पताल लेकर पहुंचे व्यक्ति ने संवाददाताओं को बताया कि बबलू के बाद सुरेंद्र पाटीदार और कन्हैया की अस्पताल में मौत हुई. कॉलेज के छात्र अखिलेश को भी गोली लगी. मंदसौर से इलाज के लिए इंदौर ले जाते वक्त छात्र अखिलेश व सत्यनारायण की मौत की भी मौत हो गई.

'उग्र किसानों को काबू करने के लिए फायरिंग'
पुलिस गोलीबारी के बाद किसान और उग्र हो गए हैं और उन्होंने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है, मगर आक्रोशित लोग सड़कों पर हैं. उज्जैन मंडलायुक्त बीएम ओझा ने बताया कि उग्र किसानों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को गोलीबारी करनी पड़ी. घटना दोपहर लगभग दो बजे घटी. उज्जैन रेंज के पुलिस महानिरीक्षक वी मधु कुमार ने बताया है कि मंदसौर शहर और पिपलिया मंडी क्षेत्र में कर्फ्यू लगाया गया है और पुलिस हालात पर नजर रखे हुए है.

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दूसरी ओर, राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने भोपाल में संवाददाताओं से कहा कि गोली पुलिस ने नहीं, बल्कि आंदोलन में घुस आए शरारती तत्वों ने चलाई है, जिनसे पुलिस सख्ती से निपटेगी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंदसौर की घटना पर भोपाल में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपात बैठक की और मामले की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की.

आंदोलन से महंगा मिल रहा दूध
किसानों की हड़ताल के चलते राजधानी में दूध की आपूर्ति प्रभावित हो रही है. वहीं कई स्थानों पर महंगे दाम पर दूध बिक रहा है. इसी तरह के हालात कई अन्य इलाकों में भी हैं, क्योंकि सब्जियां मंडी और दूध केंद्रों तक नहीं पहुंच पा रहा है. नीमच और इंदौर में भी किसानों ने आंदोलन किया.


(IANS के इनपुट के साथ)

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