केन्द्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्यौगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार को भ्रष्टाचार में डूबी सरकार बताते हुए कहा है कि यहां आम आदमी अब भ्रष्टाचार से परेशान हो चुका है तथा इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में इसे उखाड़ फेंकेगा.
एक निजी अस्पताल के कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए सिब्बल ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘आम लोग ‘एलओसी’ को ‘लाइन ऑफ कंट्रोल’ कहते हैं, लेकिन प्रदेश की बीजेपी सरकार के लिए वह ‘लेबॉरेटरी ऑफ करप्शन’ कहना चाहते हैं’.
इस सरकार को उन्होंने ‘सीएमई’ यानी ‘करप्शन मेड ईजी’ और ‘सी-2’ यानी ‘करप्शन और क्राईम’ की सरकार के बतौर भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि यहां कौन सा ऐसा अधिकारी है, जो भ्रष्ट नहीं है, भ्रष्टाचार के आरोप में कई कलेक्टर यहां से वहां हटाए गए हैं. एक आईएएस दम्पति के पास से तो करोड़ों रुपये मिले. यह प्रदेश अब बलात्कार एवं महिलाओं के प्रति अपराधों में भी अव्वल नंबर पर गिना जाता है और इसके अधिकृत आंकड़े हैं.
सिब्बल ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) में यहां 53 लाख झूठे जॉब कार्ड बने, इससे जनता के खजाने को कितना बड़ा नुकसान हुआ. इस प्रदेश से सांसद एवं लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज के सामने जब अपनी पार्टी की राज्य सरकार के मामले आते हैं, तो वह हमेशा आंखें मूंद लेती हैं. बीजेपी शासित इस प्रदेश में कुपोषण के मामलों में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और यह प्रदेश ‘रिवर्स डेवलमेंट’ कर रहा है.
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि दूसरी ओर, केन्द्र की कांग्रेसनीत यूपीए सरकार है, जिसने व्यवस्था में बुनियादी परिवर्तन लाकर इस देश और भावी पीढ़ी के लिए प्रगति के नए रास्ते खोले हैं. विपक्षी दलों का तो काम ही सरकार का विरोध करना होता है, लेकिन संसद नहीं चलने देने से वह सरकार का कम, लेकिन जनता का अधिक विरोध कर रहे हैं, क्योंकि इसी वजह से भूमि अधिग्रहण एवं खाद्य सुरक्षा जैसे विधेयक सदन में पारित नहीं हो पा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि आज तक उन्होंने लोकसभा में किसी विपक्ष के नेता को यह कहते नहीं सुना कि ‘उनकी रणनीति ही यह है कि संसद को नहीं चलने देना है’, लेकिन बीजेपी जैसी पार्टी का चूंकि लोकतंत्र में भरोसा नहीं है, इसलिए उसकी नेता ऐसा बयान दे रही हैं.
सिब्बल ने इस अवसर पर उनके मंत्रालय द्वारा बनाई गई योजनाओं की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि आने वाले समय में समूचा देश ‘साइबर कनेक्टिविटी’ से जुड़ जाएगा और लोगों को अपने रोजाना के कामकाज के लिए दफ्तरों एवं बैंकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेगे, बच्चों की शिक्षा आसान होगी और अस्पताल खुद चलकर आम आदमी के दरवाजे पर आएंगे.
उन्होंने कहा कि इसके लिए केन्द्र सरकार ने 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है और यह काम वर्ष 2014 में पूरा हो जाएगा.