कोरोना वायरस को लेकर लोगों के अंदर तरह-तरह की भ्रांतियां हैं और इसी तरह की भ्रांतियां कोरोना के टीके को लेकर भी हैं. जहां करोड़ों की संख्या में लोग अब तक वैक्सीन लगवा चुके हैं, तो कई ऐसे भी हैं, जो टीके से दूरी बनाने की कोशिश कर रहे हैं. ग्रामीण इलाकों से कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां पर लोग वैक्सीन लेने से इनकार कर रहे हैं. टीके को लेकर तरह-तरह के तर्क दे रहे हैं.
मध्य प्रदेश के जबलपुर में टीकाकरण तेज करने के उद्देश्य से राशन की दुकानों में वैक्सीन लगाई जा रही है. जो लोग राशन लेने आ रहे हैं, उनको टीका लगाया जा रहा है और उन्हें बताया जा रहा है यदि आप टीका नहीं लगाएंगे तो राशन नहीं मिलेगा.
हालांकि, यह बाध्यता नहीं है, लेकिन ऐसा करने से टीकाकरण के लिए लोग बड़ी संख्या में आने लगे हैं, जबकि कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने राशन की दुकानों से ही दूरी बना ली और राशन लेने नहीं आए. जिले के सूखा गांव में आंगनवाड़ी में लगे टीकाकरण केंद्र में लोग वैक्सीन लगवाने के लिए आ रहे हैं. टीका लगवाने के बाद ही राशन लेकर जा रहे हैं. इस मामले पर बात करते हुए सचिव आकाश चौबे का कहना है कि लोगों का रुझान टीकेकरण की तरफ अधिक बढ़े, इसलिए हम इस ट्रिक का इस्तेमाल कर रहे हैं.
वहीं, स्वास्थ्य कार्यकर्ता विकास श्रीवास्तव ने बताया, ''लोगों को प्रेरित करने के लिए हम सब लोगों ने मिलकर यह आइडिया निकाला है, जिसके हमें सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं और आज हमने जो लक्ष्य तय किया है वह पूरा होगा ऐसा हमारा विश्वास है.''
दुकान पर राशन देने वाले प्रदीप कुमार अवस्थी ने कहा, ''आज हमारे यहां ज्यादा लोग आ रहे हैं. हम इन लोगों को टीका लगाने के लिए भेज रहे हैं. इनमें से कुछ लोग थोड़ा झिझक रहे हैं, लेकिन लोग टीका लगवा रहे हैं और उसके बाद ही हम राशन दे रहे हैं.''