देश इस समय कोरोना के कहर से जूझ रहा है. इस कोरोना काल में स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका बेहद अहम है. ऐसे में मध्यप्रदेश में कोरोना काल के दौरान रखे गए 6000 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों की नौकरी पर मंडराते संकट के बीच अब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों को स्थाई नौकरी देने की मांग की है.
कमलनाथ ने लिखा है कि 'संपूर्ण विश्व पिछले 1 साल से कोरोनावायरस के प्रकोप का सामना कर रहा है. मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 6000 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों को निश्चित समय के लिए अस्थाई नियुक्ति दी गई थी. नियुक्ति की अवधि को समय-समय पर बढ़ाया भी गया. इन स्वास्थ्य कर्मियों ने कोरोना काल के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना हमारे प्रदेश के आमजन के स्वास्थ्य के लिए अपनी सेवाएं प्रदान की है. इस दौरान कई स्वास्थ्य कर्मी कोरोना से संक्रमित भी हुए और उनकी मृत्यु भी हुई. स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना योद्धा (corona warriors) कहकर संबोधित भी किया गया.'
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लेकिन अब आपकी सरकार (शिवराज सरकार) द्वारा इनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई है. इससे करीब 6000 स्वास्थ्य कर्मियों के परिवारों पर आजीविका का संकट आ गया है. कोरोना की आपदा अब तक समाप्त नहीं हुई है और यह भी निश्चित नहीं है कि यह स्थिति कब तक बनी रहेगी. ऐसी स्थितियों में कोरोना के लिए प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की आवश्यकता प्रदेश में अभी भी बनी हुई है. इन स्वास्थ्य कर्मियों की सेवाएं आज की परिस्थितियों में समाप्त करना मानवता और नैतिकता दोनों की ही दृष्टि से ठीक नहीं है. कुंभ मेले के दौरान नियुक्त किए गए अस्थाई कर्मियों की सेवाएं भी, सहानुभूति पूर्वक सरकार द्वारा एक बार फिर से बहाल की गई है. इसीलिए इन स्वास्थ्य कर्मियों के संबंध में भी ऐसा ही फैसला लेना चाहिए.
इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लिखा कि मेरा शिवराज सरकार से अनुरोध है कि संविदा पर काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों को स्वास्थ्य विभाग में शामिल करते हुए नियमित नियुक्ति दी जाए और इन कोरोना वारियर्स को वास्तविक सम्मान दिया जाए.
यहां आपको बता दें कि, एमपी सरकार ने अप्रैल 2020 में 6000 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों को कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर अस्थाई नियुक्ति दी थी. 3 महीने बाद इस कॉन्ट्रैक्ट को एक बार फिर से रिन्यू किया गया. इसके बाद एक 1 महीने के लिए कॉन्ट्रैक्ट आगे बढ़ता गया. लेकिन अब स्वास्थ्य कर्मियों को कहा गया है कि उनकी सेवाएं 31 दिसंबर 2020 तक ही मान्य रहेंगी और इसी को लेकर स्वास्थ्य कर्मी पिछले 3 दिनों से भोपाल में प्रदर्शन कर रहे थे. हालांकि गुरुवार शाम उन्हें प्रदर्शन स्थल से बलपूर्वक हटा दिया गया था.
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