scorecardresearch
 

MP: मजदूर पिता ने 3 बेटों को बनाया पायलट, अब बेटा बना रहा सस्ता फ्लाइट सिम्युलेटर

यह कहानी है मूल रूप से मुरैना के रहने वाले दिहाड़ी मजदूर अमृतलाल की. अमृतलाल के तीन बेटे हैं और उनकी पढ़ाई के लिए अमृतलाल को जहां खूब सारा कर्ज लेना पड़ा तो वहीं पुश्तैनी जमीन भी साहूकार के पास गिरवी रखनी पड़ी. बेटों ने मन लगाकर पढ़ाई की और आज तीनों बेटे पायलट हैं.

Advertisement
X
कैप्टन अजय सस्ता फ्लाइट सिम्युलेटर बनाने की कोशिश में जुटे
कैप्टन अजय सस्ता फ्लाइट सिम्युलेटर बनाने की कोशिश में जुटे
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मुरैना के रहने वाले दिहाड़ी मजदूर रहे अमृतलाल
  • पढ़ाई को पुश्तैनी जमीन भी गिरवी रखनी पड़ी
  • तीनों भाइयों की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय में हुई

'लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती'. कवि सोहन लाल द्विवेदी की यह पंक्तियां मध्यप्रदेश के रहने वाले एक पिता पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं जिन्होंने अपने बेटों को पायलट बनाने के लिए सब कुछ दांव पर लगा दिया और उन्हें पायलट बनाकर ही दम लिया. 

Advertisement

यह कहानी है मूल रूप से मुरैना के रहने वाले दिहाड़ी मजदूर अमृतलाल की. अमृतलाल के तीन बेटे हैं और उनकी पढ़ाई के लिए अमृतलाल को जहां खूब सारा कर्ज लेना पड़ा तो वहीं पुश्तैनी जमीन भी साहूकार के पास गिरवी रखनी पड़ी. बेटों ने मन लगाकर पढ़ाई की और आज तीनों बेटे पायलट हैं.

बड़ा बेटा कैप्टन अजय अब अपने पिता के साथ मिलकर सस्ता फ्लाइट सिम्युलेटर बना रहा है ताकि आम आदमी के बच्चे पायलट बनने का सपना देख सकें. 'आजतक' से बात करते हुए अमृतलाल के बड़े बेटे कैप्टन अजय ने बताया कि 'उनकी और उनके भाइयों की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय में हुई है. पिताजी के पास इतने पैसे नहीं थे कि महंगे स्कूल में पढ़ाई करवा सकें. उन्होंने फीस के लिए जमीन तक गिरवी रख दी और मजदूरी की ताकि स्कूल की फीस भर सकें. इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन भी लिया जिसकी भारी भरकम किश्त चुकानी पड़ती है.'

Advertisement

इसे भी क्लिक करें --- MP: बदहाल सड़कों को लेकर भड़के CM शिवराज, CPA को भंग करने का निर्देश

उन्होंने कहा, 'पिताजी के संघर्ष को हम सब ने देखा है इसलिए मैं ऐसे फ्लाइट सिम्युलेटर पर काम कर रहा हूं जो वर्तमान में इस्तेमाल हो रहे फ्लाइट सिम्युलेटर से सस्ता होगा ताकि पायलट बनने का सपना सिर्फ अमीरों के बच्चे ना देखें बल्कि आम आदमी के बच्चे भी अपने सपने पूरे कर सकें. यह फ्लाइट सिम्युलेटर आत्मनिर्भर भारत के लिए मेरी ओर से एक प्रयास है'.

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री से होगी मुलाकात!

फिलहाल अमृतलाल अपने बेटे अजय के साथ भोपाल के कटारा हिल्स इलाके में रहते हैं जहां दोनों ने मिलकर फ्लाइट सिम्युलेटर तैयार किया है. इस पर अभी पूरा काम होना बाकी है जिसमें कुछ समय और रुपये और लगेंगे. एक बार पूरा बन जाने पर ही सिम्युलेटर को मंजूरी मिल पाएगी.

कैप्टन अजय ने बताया कि अबतक वह इसमें करीब 25 लाख रुपये खर्च कर चुके हैं और चाहते हैं कि आगे सरकार इसमें सहायता करे क्योंकि अभी इसमें काफी उपकरण खरीदने बाकी हैं जो थोड़े महंगे और संवेदनशील हैं. फिलहाल कैप्टन अजय सिंगल इंजन वाले प्लेन को उड़ाने की ट्रेनिंग देने वाले फ्लाइट सिम्युलेटर पर काम कर रहे हैं. 

Advertisement

'आजतक' से बात करते हुए कैप्टन अजय ने बताया कि वह तीनों भाई और उनके पिता भोपाल से दिल्ली रवाना हो चुके हैं जहां सोमवार को उन सभी की मुलाकात केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से होने की संभावना है.

 

Advertisement
Advertisement