मध्यप्रदेश में कोरोना का कहर तो कम होता दिख रहा है लेकिन अब ब्लैक फंगस के मामले राज्य में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. हालात इतने चिंताजनक हैं कि लगातार सीएम शिवराज सिंह चौहान को भी मीटिंग करनी पड़ रही है और इस बीमारी से लड़ने के लिए एक अलग टॉस्क फोर्स भी बना दी गई है. ऐसे में सरकार की तरफ से तैयारी तो पूरी रखी जा रही है. प्रयास है कि राज्य में ब्लैक फंगस के मामले ज्यादा ना बढ़ें.
एमपी में बढ़ते ब्लैक फंगस के मामले
अब इसी कड़ी में राज्य में Nasal Endoscopy पर जोर दिया जाएगा. ये एक प्रक्रिया है जिसमें एंडोस्कोप के जरिए नेसल पैसेज को देखा जाता है. इसके जरिए समय रहते ब्लैक फंगस के इंफेक्शन के बारे में जानकारी मिल सकती है और मरीज का ट्रीटमेंट भी शुरू किया जा सकता है. इसी वजह से राज्य में बड़े स्तर पर ये अभियान चलाया जाएगा. इस बारे में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने विस्तार से बताया है. वे कहते हैं कि ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के बीच अब Nasal Endoscopy के जरिए समय रहते इंफेक्शन को पकड़ा जाएगा और शुरुआती चरण में ही इसे फैलने से रोका जाएगा.
Nasal Endoscopy के जरिए इलाज?
जानकारी दी गई है कि इस अभियान में फ्री में ही लोगों का Nasal Endoscopy करवाया जाएगा. इस सिलसिले में ईएनटी विशेषज्ञों से भी बात हो गई है और वे भी मुफ्त में ही इस अभियान संग जुड़ने जा रहे हैं. वहीं Nasal Endoscopy में जिन भी उपकरणों की जरूरत पड़ती है, उन्हें भी सरकार द्वारा उपलब्ध करवाया जाएगा. ऐसे में अब राज्य में ब्लैक फंगस को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर काम होने जा रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कुछ समय बाद इसका जमीन पर भी असर दिखने लगेगा और राज्य में ब्लैक फंगस के मामले कम हो जाएंगे.
ब्लैक फंगस के बारे में बताया गया है कि ये ये इंफेक्शन उन लोगों में देखने को मिल रहा है जो कोरोना होने से पहले किसी दूसरी बीमारी (शुगर आदि) से ग्रस्त थे. या फिर जिनकी इम्युनिटी कमजोर है. इसके लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, आंख दर्द, नाक बंद या साइनस और देखने की क्षमता पर असर शामिल है.