मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में दोबारा किस्मत आजमाने उतरे विधायकों की संपत्ति में पिछले पांच सालों में औसतन 71 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. मध्य प्रदेश इलेक्शन वॉच (MPEW) और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने इस बार दोबारा चुनाव लड़ रहे 167 विधायकों के हलफनामों का विश्लेषण करने के बाद यह खुलासा किया है.
यह विश्लेषण बताता है कि 2013 में इन विधायकों की औसत संपत्ति 5.15 करोड़ रुपये थी, लेकिन अब यह बढ़कर 8.79 करोड़ रुपये हो चुकी है. यानी दोबारा चुनाव लड़ने वाले विधायकों की संपत्ति में 2013 के मुकाबले 2018 में 3.64 करोड़ी रुपये की वृद्धि हुई है. मोटे तौर पर देखा जाए तो यह बढ़ोतरी 71 फीसदी कही जाएगी.
सबसे अधिक संपत्ति वाले शीर्ष तीन दोबारा चुनाव लड़ने वाले विधायकों में से दो बीजेपी के हैं. इनमें पहले बीजेपी के उम्मीदवार संजय पाठक हैं जो विजयराघवगढ़ से चुनाव लड़ रहे हैं. निर्वाचन आयोग के समक्ष दायर हलफनामे में उनकी संपत्ति 226 करोड़ रुपये बताई गई है. उनकी संपत्ति में पिछले पांच वर्षों में 86 फीसदी की वृद्धि हुई है.
तेंदुखेड़ा से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस उम्मीदवार संजय शर्मा की संपत्ति में 100 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जो बढ़कर 130 करोड़ रुपये हो गई है. जबकि सिरमौर से चुनाव लड़ रहे बीजेपी उम्मीदवार दिव्यराज सिंह की संपत्ति में जबर्दस्त वृद्धि दर्ज की गई है. 2013 में उनकी संपत्ति 4 करोड़ रुपये थी, जो 2018 में बढ़कर 62 करोड़ रुपये हो गई.
अगर पार्टी के लिहाज से आंकड़ों को देखा जाए तो दिलचस्प तथ्य सामने आए. बीजेपी के 107 विधायकों की संपत्ति में औसत 84% वृद्धि दर्ज की गई है.पिछले विधानसभा चुनाव 2013 में इन बीजेपी विधायकों की औसतन संपत्ति 4.60 करोड़ रुपये थी जो अब बढ़कर 8.50 करोड़ रुपये हो गई है. दोबारा चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस के 53 विधायकों की औसतन संपत्ति 2013 में 6.59 करोड़ रुपये थी, जबकि 2018 में बढ़कर यह 9.82 करोड़ रुपये हो गई है.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस ने जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. राज्य विधानसभा के लिए चुनाव प्रचार सोमवार शाम को थम जाएंगे. मतदान 28 नवंबर को होंगे जबकि मतगणना 11 दिसंबर को होगी.
To get latest update about Madhya Pradesh elections SMS MP to 52424 from your mobile. Standard SMS Charges Applicable