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महिला कलेक्टर पर बरसे कैलाश विजयवर्गीय, बोले- JNU से आया है ये वायरस

राजगढ़ के ब्यावरा में सीएए के समर्थक प्रदर्शनकारियों के साथ मारपीट के मामले में बीजेपी आगबबूला नजर आ रही है. 22 जनवरी को पार्टी ने ब्यावरा में एक रैली का आयोजन किया और महिला अधिकारियों पर केस दर्ज करने की मांग की. इतना ही नहीं, मंच से बीजेपी के नेताओं ने बैक-टू बैक महिला अधिकारियों पर निजी टिप्पणी कीं और अभद्र शब्दों को इस्तेमाल किया.

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BJP के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी महिला कलेक्टर को अपशब्द कहे (फोटो- ANI)
BJP के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी महिला कलेक्टर को अपशब्द कहे (फोटो- ANI)

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  • राजगढ़ मामले पर बीजेपी ने बुलाई रैली
  • रैली में महिला अधिकारियों पर भड़के नेता
  • कई बीजेपी नेताओं ने की अभद्र टिप्पणी

मध्य प्रदेश के राजगढ़ में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में प्रदर्शन के दौरान हुआ बवाल बढ़ता जा रहा है. प्रदर्शनकारियों के साथ मारपीट करने वाली महिला अधिकारियों के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के नेता आग उगल रहे हैं. कई नेताओं ने महिला अधिकारियों पर अभद्र टिप्पणी की हैं.

मारपीट की यह घटना राजगढ़ जिले के ब्यावरा में हुई थी. इस घटना के खिलाफ ही बुधवार (22 जनवरी) को ब्यावरा में बीजेपी ने एक रैली का आयोजन किया. इस रैली के मंच से बीजेपी नेता जमकर महिला कलेक्टर पर बरसे और उनके खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की.

बद्रीलाल ने कहे अपशब्द

भीड़ के बीच मंच से बीजेपी नेता बद्रीलाल ने महिला कलेक्टर निधि निवेदिता पर न सिर्फ कांग्रेस की मदद करने का आरोप लगाया, बल्कि उन पर अभद्र टिप्पणी भी की और बीजेपी नेताओं को थप्पड़ मारने वाली बताया. बद्रीलाल ने उनके खिलाफ कांग्रेसियों को फेवर करने और दूध पिलाने तक की बात कह दी.

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ये भी पढ़े- महिला डिप्टी कलेक्टर पर बरसे शिवराज, कहा- थप्पड़ मारने का किसने दिया आदेश?

सिर्फ बद्रीलाल ही नहीं, बीजेपी के बाकी नेता भी जब मंच पर भाषण देने उतरे तो वो सीमा लांघते नजर आए. बीजेपी नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने यहां तक कह दिया कि अगर संविधान नहीं होता, तो आप घर पर बैठकर रोटी बना रही होतीं.

गोपाल भार्गव भी टिप्पणी करने से नहीं माने

सीएए के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे बीजेपी कार्यकर्ता को थप्पड़ मारने पर गोपाल भार्गव ने महिला कलेक्टर को संबोधित करते हुए कहा कि आपको भीड़ में घुसने की क्या जरूरत थी? साथ ही गोपाल भार्गव ने पुलिस की क्षमता पर सवाल उठाते हुए महिला कलेक्टर को ज्यादा गर्मी होने का पाठ भी पढ़ाया.

कैलाश विजयवर्गीय ने टिप्पणी के साथ धमकी भी दी

मध्य प्रदेश बीजेपी के नेता ही नहीं, बल्कि पार्टी के राष्ट्रीय नेता भी अपनी जुबान पर काबू नहीं रख पाए. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी मंच से महिला अधिकारी पर खूब बरसे. विजयवर्गीय ने कलेक्टर को जेएनयू की पढ़ी-लिखी बताते हुए कहा कि वहां से यह वायरस आ गया है और इस वायरस को डेमोक्रेटिक रूप से खत्म करना चाहिए.

कमलनाथ सरकार ने ब्वायरा मामले में राजगढ़ की डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर निधि निवेदिता और डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा के खिलाफ एफआईआर करने से मना कर दिया है. इन दोनों अधिकारियों पर ही प्रदर्शनकारियों से मारपीट का आरोप है. सरकार के इस कदम की भी कैलाश विजयवर्गीय ने आलोचना की और कहा, 'कमलनाथ जी मैं चेतावनी देता हूं कि अगर आपने इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो बीजेपी कार्यकर्ता आपकी कलेक्टर के खिलाफ सीधी कार्रवाई करेगा.'

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कैलाश विजयवर्गीय ने की निजी टिप्पणी

कैलाश विजयवर्गीय महिला कलेक्टर पर निजी टिप्पणी करने से भी बाज नहीं आए. उन्होंने बीजेपी के जिलाध्यक्ष का नाम दिलबर बताते हुए कहा कि कलेक्टर महोदया आपको शायद नाम नहीं पता था, वो बहुत अच्छा है.

इस टिप्पणी के अलावा विजयवर्गीय ने धमकी भी दी. उन्होंने कहा, 'अधिकारी अगर तिरंगा हाथ में लेने वालों को पीटेंगे और दंड देंगे तो याद रखना हमको भी दंड देना आता है. हम झुकने वाले नहीं बल्कि मिटाने वाले हैं.'

विजयवर्गीय ने कहा, 'मैं तो सीधी कार्रवाई पर यकीन रखता हूं. संगीत का एक सूत्र है, जो जैसा गाए वैसा हमको बजाना चाहिए. राजगढ़ के लोग थोड़ा पिछड़ गए.'

वहीं पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'क्या सोचा था मैडम, आप कार्यकर्ता को थप्पड़ मार दोगे और हम चुप-चाप घरों में बैठकर भूल जाएंगे, क्या भारत माता की जय बोलने पर थप्पड़ मारे जाएंगे और हम आंख बंद करके बैठ जाएंगे. ये भूल है मैडम.'

क्या है मामला

नागरिकता कानून के खिलाफ एक तरफ जहां देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं अब बीजेपी इसके समर्थन में रैलियां कर रही है और जुलूस निकाल रही है. इसी क्रम में राजगढ़ के ब्यावरा में भाजपा कार्यकर्ता स्थानीय लोगों के साथ सीएए के समर्थन में 19 जनवरी को प्रदर्शन कर रहे थे, इसी दौरान हालात बेकाबू हो गए.

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आरोप है कि इस दौरान महिला कलेक्टर निधि कुलपति व डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा भीड़ के साथ धक्का-मुक्की करती नजर आईं. हालांकि, बाद में कहा गया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए महिला अधिकारी वहां पहुंची थीं. लेकिन बीजेपी लगातार इसे मुद्दा बना रही है और अधिकारियों के खिलाफ एक्शन की मांग कर रही है.

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