आपने कलेक्टर या आला अधिकारियों को अपने अधीनस्थों या दूसरों पर जुर्माना लगाते तो कई बार देखा होगा लेकिन मध्य प्रदेश में एक कलेक्टर खुद पर जुर्माना लगाकर सुर्खियों में आ गए हैं.
ये हैं राजगढ़ के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह जिन्होंने जनता से जुड़ी समस्याओं का समय पर समाधान नहीं कर पाने पर खुद के ऊपर ही जुर्माना लगा दिया. दरअसल, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने सरकारी योजनाओं की समीक्षा बैठक बुलाई थी. इस दौरान कलेक्टर ने सीएम हेल्पलाइन में करीब 1,140 शिकायतों के लंबित होने पर अलग-अलग विभागों पर 100 रुपये प्रति शिकायत के हिसाब से 1 लाख 13 हजार से अधिक जुर्माना लगाया.
इन शिकायतों में एक शिकायत खुद कलेक्टर से जुड़ी हुई थी. ऐसे में कलेक्टर ने खुद पर ही 100 रुपये का जुर्माना लगा दिया. इसके अलावा लापरवाही बरतने वालों पर भी कलेक्टर की गाज गिरी. बैठक के दौरान कलेक्टर ने सहायक क्षेत्रीय पशु चिकित्सा अधिकारी छापीहेड़ा, पिपलिया कला के एमएस मंसूरी और पीएस दांगी को काम में लापरवाही बरतने पर निलंबित करने के निर्देश दिए.
इसके अलावा सारंगपुर तहसीलदार, जनपद सीईओ सारंगपुर, जिला शिक्षा अधिकारी और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिकारी को कारण बताओ नोटिस दिए गए हैं. राजगढ़ तहसीलदार को भी कलेक्टर ने बिना कारण बताए बैठक में हाजिर ना होने पर नोटिस दिया है.
खुद पर जुर्माना लगा दियाः कलेक्टर
खुद पर जुर्माना लगाने के बाद 'आजतक' से बात करते हुए राजगढ़ के कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि 'सीएम हेल्पलाइन में जिले के सभी अधिकारी होते है. हेल्पलाइन में जो शिकायत आती है उसका एक निश्चित समय में अधिकारी को अपना प्रतिवेदन दर्ज करना होता है. दो महीने पहले खुद मैंने सभी अधिकारियों को कहा था कि सब अपने प्रतिवेदन समय पर दर्ज कर दें.
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उन्होंने कहा, 'बैठक में समीक्षा के दौरान पाया गया कि एक हजार से शिकायतों में प्रतिवेदन सही तरीके से दर्ज नहीं किया गया. इसी समीक्षा बैठक के दौरान मैंने देखा कि एक शिकायत मेरे स्तर पर भी लंबित थी. इसलिए दूसरों पर जुर्माना लगाने के साथ-साथ मैंने अपने ऊपर भी जुर्माना लगा दिया.'