मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में इन दिनों एक बुजुर्ग दादा-दादी की बहादुरी की चर्चा हो रही है क्योंकि इन्होंने अपनी जान पर खेलकर आदमखोर तेंदुए से अपनी पोती को बचा लिया. हर तरफ इस घटना की चर्चा हो रही है. घटना श्योपुर जिले के कराहल गांव की है जहां जय सिंह गुर्जर और बसंती बाई अपनी एक साल की पोती के साथ घर के आंगन में सो रहे थे.
जानकारी के मुताबिक रात के अंधेरे में अचानक एक तेंदुआ आया और दादा-दादी के साथ सो रही पोती को मुंह से उठाकर ले जाने लगा. तेंदुए के मुंह मे फंसी बच्ची जब रोई तो उसकी आवाज सुनकर दादा दादी उठ गए और उन्होंने जब तेंदुए के मुंह मे फंसी पोती को देखा तो अपनी जान की परवाह किए बिना उससे भिड़ गए. संघर्ष के दौरान बुजुर्ग दादा-दादी के हाथ और शरीर के अन्य हिस्सों पर तेंदुए के दांत और नुकीले पंजे से जख्म हो गए.
शोर सुनकर परिवार के अन्य लोग भी जग गए और थोड़ी देर में गांव के लोग भी लाठी-डंडे लेकर आए तो तेंदुआ बच्ची को छोड़कर भाग गया. दादा के पैर में तेंदुए के दांत से गहरा घाव भी हो गया है. दरअसल, जिस गांव में घटना हुई है वो कुनो नेशनल पार्क के पास बसा हुआ है इसलिए गांव में अब खौफ का माहौल है. गांव के लोग अब लाठी-डंडे के साथ पूरी रात पहरा दे रहे हैं ताकि फिर कोई जंगली जानवर गांव में न घुस सके.