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MP: थांदला विधानसभा सीट पर क्या बीजेपी सुधार पाएगी अपना प्रदर्शन?

मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पहले की सरगर्मी शुरू हो चुकी है. थांदला में पिछली बार बीजेपी के विधायक के बागी तेवरों के चलते पार्टी को नुकसान हुआ और वह 16 फीसदी वोट पाकर तीसरे पायादान पर रही थी.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों के नेता जोर-शोर से प्रचार में जुट गए हैं. राजधानी भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी रैली कर प्रचार अभियान का आगाज कर चुके हैं. राज्य में दोनों ही दल जीत के लिए दांव खेल रहे हैं और कांग्रेस चाहती है कि 15 साल का सूखा खत्म कर सत्ता में वापसी करे.

झाबुआ जिले की बात करें तो थांदला विधानसभा एक आदिवासी बाहुल्य इलाका है और यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित है. यह क्षेत्र गुजरात और राजस्थान की सीमा को छूता है और सीमांत होने की वजह से इलाका पिछड़ गया है. सीट पर करीब 2.10 लाख वोटर हैं जिनमें महिला और पुरुष वोटरों की संख्या करीब-करीब बराबर ही है. इस सीट से फिलहाल निर्दलीय कलसिंह भाबर विधायक हैं.

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2013 चुनाव के नतीजे

कलसिंह भाबर ने इस बार बीजेपी का साथ छोड़ निर्दलीय चुनाव लड़ा और कांग्रेस के गेंदाल डामोर को करीब 5 हाजर वोटों से शिकस्त दी. बीजेपी इस चुनाव में तीसरे स्थान की पार्टी रही जिसे करीब 16 फीसद वोट हासिल हुए.

2008 चुनाव के नतीजे

इस चुनाव में कांग्रेस के वीर सिंह भूरिया ने बीजेपी के कलसिंह भाबर को करीब 8 हजार वोटों से हराया था. समाजवादी पार्टी और बसपा इस चुनाव में ज्यादा वोट पाने में असफल रहीं.

मध्यप्रदेश की ज्यादातर सीटों पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. लेकिन कुछ सीटों पर बीएसपी का भी प्रभाव है. यहां 2003 से बीजेपी की सरकार है और इससे पहले 10 साल तक कांग्रेस ने राज किया था. 2013 के विधानसभा चुनाव में कुल 230 विधानसभा सीटों में से बीजेपी ने 165 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी. कांग्रेस 58 सीटों तक सिमट गई थी. जबकि बसपा ने 4 और अन्य ने 3 सीटों पर जीत हासिल की थी.

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