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कांग्रेस क्या उपचुनाव में जीती हुई मुंगावली विधानसभा सीट बचा पाएगी?

यह सीट तत्कालीन मुंगावली विधायक महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा के अकस्मात निधन के बाद खाली हुई थी. जिसके बाद यहां उपचुनाव हुए थे. बात वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव की करें तो कांग्रेस ने यह सीट 20,765 मतों के अंतर से जीती थी.

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मुंगावली विधानसभा सीट.
मुंगावली विधानसभा सीट.

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अशोकनगर जिले की मुंगावली विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्ज़ा है. कुछ माह पहले हुए विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार बृजेन्द्र सिंह यादव ने 2,124 वोट से जीत दर्ज की थी. कांग्रेस उम्मीदवार बृजेन्द्र सिंह यादव को कुल 70,808 वोट मिले. जबकि भाजपा की उम्मीदवार बाई साहब यादव को 68,684 मत मिले.

यह सीट तत्कालीन मुंगावली विधायक महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा के अकस्मात निधन के बाद खाली हुई थी. जिसके बाद यहां उपचुनाव हुए थे.

वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव की करें तो कांग्रेस ने यह सीट 20,765 मतों के अंतर से जीती थी.

बता दें कि इसी साल गुना संसदीय क्षेत्र की कोलारस और मुंगावली विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे. इस सीट को मध्य प्रदेश विधानसभा का सेमीफाइनल भी कहा गया था. दरअसल, यह सीट ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्र में आती है. इसलिए बीजेपी इन्हें हर हाल में जीतना चाहती थी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली.

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मुंगावली विधानसभा सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां तकरीबन 2 लाख 4 हजार मतदाता हैं. जिसमें से सबसे अधिक मतदाता हरिजन-आदिवासी 42 हजार हैं वहीं यादव 34 हजार, लोधी 18 हजार, ब्राहा्रण 10 हजार, दांगी 9 हजार, कुशवाह 8 हजार, मुस्लिम 9 हजार, जैन 7 हजार, राजपूत 6 हजार, गुर्जर 3 हजार सहित विभिन्न जातियों और सम्प्रदायों के लोग इस विधानसभा में रहते हैं.

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