मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी को जीवनदायिनी के तौर पर जाना जाता है लेकिन भविष्य मे नर्मदा को मध्य प्रदेश के विकास की एक नई तस्वीर के रूप में जाना जाएगा. मध्यप्रदेश में जल्द ही नर्मदा एक्सप्रेसवे का काम शुरू हो सकता है. इस प्रस्ताव को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के सामने सीएम शिवराज ने रखा.
भोपाल में मुख्यमंत्री आवास में रखी गई राष्ट्रीय राजमार्गों की समीक्षा बैठक मे नितिन गडकरी को नर्मदा एक्सप्रेसवे का प्रस्ताव बेहद पसंद आया है और यदि सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही इस प्रोजेक्ट पर काम भी शुरू हो जाएगा. यह एक्सप्रेसवे नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक से शुरू होकर नर्मदा नदी के साथ-साथ गुजरात तक जाएगा. लगभग 13 सौ किलोमीटर लंबा नर्मदा एक्सप्रेसवे अमरकंटक, मंडला, जबलपुर, होशंगाबाद से अलीराजपुर होता हुआ गुजरात सीमा तक जाएगा. सीएम शिवराज के मुताबिक इस एक्सप्रेसवे के साथ औद्योगिक कोरिडोर बनाए जाएंगे जिससे राज्य में और उद्योग आएंगे. एक्सप्रेसवे के लिए जमीन राज्य सरकार देगी और निर्माण का जिम्मा केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय संभालेगी.
7 मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया
बैठक के दौरान राज्य सरकार ने 7 मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग करने का प्रस्ताव रखा जिसे गडकरी ने मान लिया और 2021 किलोमीटर लंबे 7 मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित कर दिया गया. जिन सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया उनमें चापड़ा से नेवरी-देवास-उज्जैन-बड़नगर- बदनावर-पेटलावद-थांदला होते हुए गुजरात सीमा तक, छिंदवाड़ा से परासिया-मटकुली- पिपरिया-बरेली-सिलवानी-गैरतगंज-बेगमगंज-राहतगढ़-खुरई से खिमलासा तक, सागर-गढ़ाकोटा-दमोह-कटनी-ब्यौहारी-मझोली से बरगवां तक, जबलपुर-जबेरा-नोहटा-दमोह-हटा-सिमरिया-अमानगंज-पन्ना-अजयगढ़ से कालिंजर तक, कुक्षी-बाघ-सरदारपुर-बदनावर-बड़नगर-इंगोरिया-उन्हेल-नागदा-जावरा तक, चाबी-शाहपुरा-उमरिया-ताला-जयसिंग नगर से छत्तीसगढ़ सीमा तक, डबरा-भितरवार- नरवर-सतनवाड़ा-शिवपुरी-गोरस तक शामिल हैं.