मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के एक आदेश से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की नींद उड़ी हुई है. यहां राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) ने नसबंदी को लेकर एक अजीबोगरीब फरमान जारी किया है. सरकारी आदेश से स्वास्थ्यकर्मियों के अंदर एक डर समा गया है. एनएचएम ने एमपी के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को आदेश दिया है कि कम से कम एक सदस्य की नसबंदी कराओ वरना उनको VRS दे दिया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक यह आदेश नसबंदी का लक्ष्य पूरा नहीं होने पर जारी किया गया है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को पुरूष नसबंदी के लक्ष्य पूरा ना करने पर वेतन में कटौती और अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का आदेश दिया है. इसके साथ ही आदेश में टारगेट पूरा ना करने पर नो पे, नो वर्क के आधार वेतन ना देने की बात कही गई है. बता दें कि परिवार नियोजन कार्यक्रम में कर्मचारियों के लिए पांच से दस पुरूषों की नसबंदी कराना अनिवार्य किया गया है.
MP में NHM ने जारी किया था आदेश
यह भी पढ़ें: नसबंदी कराने आईं महिलाओं को जमीन पर लेटाया, जांच के आदेश
इन लोगों को भेजा गया है यह आदेश
साल 2019-20 में पुरुष नसबंदी की असंतोषजनक प्रगति को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मध्य प्रदेश की मिशन संचालक छवि भारद्वाज द्वारा जारी यह आदेश राज्य के सभी संभागीय आयुक्तों, जिला अधिकारियों, सीएमओ और अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों को भेजा गया है. आदेश में पुरुष नसबंदी की गंभीरता से समीक्षा करने की अपील भी की गई है.
वीआरएस को लेकर कही गई है यह बात
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा जारी इस आदेश में कहा गया है कि 20 फरवरी 2020 तक अपने काम में सुधार न कर पाने वाले एमपीडब्ल्यू के वीआरएस प्रस्ताव जिला कलेक्टर के जरिए एनएचएम के मिशन संचालक के पास प्रेषित किए जाएं ताकि उन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का प्रस्ताव आगे बढ़ाया जा सके.
यह भी पढ़ें: नवाब मलिक बोले- अगर भागवत चाहते हैं जबरन हो नसबंदी तो PM मोदी बनाएं कानून