मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन में शनिवार को जैन संत की बातों ने हंगामा खड़ा कर दिया है. भोपाल से पैदल विहार कर उज्जैन चार्तुमास के लिए पहुंचे दिगंबर जैन मुनि निर्भय सागर जी महाराज ने मीडिया के सामने लड़कियों की शादी की उम्र, हर जैन परिवार को कम से कम तीन बच्चे पैदा करने की नसीहत, लड़कियों के पहनावे, लव जिहाद आदि मुद्दों पर अपने विचार रखे.
उन्होंने कहा कि लड़कियां टाइट जींस पहनती है तो उनमें वासना की प्रवृति होती है. घर्षण होता है और उत्तेजना बढ़ती है. 16 साल की उम्र में शादी नहीं करने के कारण वे लड़कों की तरफ आकर्षित हो जाती है और अवैध संबंध बनाती है. खासकर लड़कियों को अपने कपड़ों पर ध्यान रखना चाहिए.
जींस पहनने से होती है सिजेरियन डिलिवरी
मुनि निर्भय सागर जी महाराज के मुताबिक टाइट जींस पहनने वाली महिलाओं की डिलिवरी सामान्य ना होकर सिजेरियन ही होती है. उनमें बांझपन की शिकायत भी आती है. निर्भय सागर जी महाराज ने बताया कि लड़कियां पहले घाघरा या अन्य ढीले कपड़े पहना करती थीं. इससे शरीर में खुला और हल्कापन रहता था, लेकिन अब वो हालात नहीं है.
जल्दी शादी न होने से बनते हैं अवैध संबंध
मुनि निर्भय सागर जी महाराज ने मीडिया के सामने कहा कि लड़कियों को जल्दी शादी कर लेनी चाहिए. उन्हे शादी के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना चाहिए. अगर शादी देर से होती है तो लड़कियां किसी ना किसी लड़के से अटैच हो जाती हैं. फिर उनमें अवैध संबंध बन जाते हैं, जो पाप कहलाता है. जैन संत ने कहा कि लड़कियों की शादी अगर 16 से 18 साल के बीच कर दी जाए तो अवैध संबंधों से बचा जा सकता है.
लव जिहाद को बताया तलाक का कारण
मुनि निर्भय सागर जी महाराज ने दूसरे धर्म में शादी को लेकर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने बताया कि वो पहले लव जिहाद के बारे में नहीं जानते थे लेकिन फिर उन्हे पता चला कि प्रेम जाल में लड़कियों को फंसा कर शादी करना लव जिहाद होता है. मुनि जी ने बताया कि आजकल लड़की को बहला-फुसलाकर फंसाकर लड़के ले जाते हैं और शादी कर लेते हैं. उनके मुताबिक शाकाहारी लड़की अगर किसी मांसाहारी परिवार में चली जाती है तो वहां के माहौल में खुद को ढाल नहीं पाती और फिर तलाक की नौबत आ जाती है.
जैन परिवार में कम-से-कम तीन बच्चे पैदा करने की अपील
जैन मुनि यहां तक कह गए कि हर परिवार को कम से कम तीन बच्चे पैदा करना चाहिए नहीं तो 100 सालों में जैन समाज खत्म हो जाएगा. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने एक जाति विशेष को बच्चे पैदा करने की छूट दे दी है. इससे दूसरा जाति वर्ग समाप्त हो जाएगा. इसलिए कम से कम तीन बच्चे पैदा किए जाना चाहिए.