पाकिस्तान के कराची में पिछले 15 साल से रह रही मूक-बधिर भारतीय लड़की गीता के पिछले हफ्ते स्वदेश वापस लौटने के बाद अब भारत सरकार ने भी लगभग दो साल से भोपाल में रह रहे 15 वर्षीय पाकिस्तानी लड़के रमजान को वापस उसके मुल्क भेजने की पहल शुरू कर दी है.
रमजान फिलहाल भोपाल में बच्चों के आश्रय घर ‘उम्मीद’ में अक्टूबर 2013 से रह रहा है. उम्मीद का संचालन करने वाले गैर सरकारी संगठन ‘आरंभ’ की संचालिका अर्चना सहाय ने बताया, 'भारत के विदेश मंत्रालय (एमईए) के निदेशक सुगंध राजाराम ने उनसे दो दिन पहले फोन पर संपर्क कर बालक मोहम्मद रमजान के बारे में जानकारी हासिल की है और उन्होंने रमजान की अपने मुल्क पाकिस्तान की वापसी के लिये आवेदन भेजने के लिए कहा है.'
उन्होंने रमजान की वापसी की उम्मीद जताते हुए कहा, 'मुझे पता चला है कि राजाराम रमजान की वापसी के लिए अपने पाकिस्तानी समकक्ष के समक्ष यह मामला उठाएंगे.' उन्होंने बताया कि रमजान पाकिस्तान के कराची शहर का रहने वाला है तथा लगभग पांच साल पहले अपनी मां से बिछड़ गया था .
2009 में रमजान की मां रजिया बेगम और पिता मोहम्मद काजल के बीच तलाक हो गया और काजल अपने दोनों बच्चों रमजान और उसकी बहन जोरा को साथ लेकर उसकी मां से अलग रहने लगा. रजिया और काजल के बीच हुए एक समझौते के तहत जोरा अपनी मां के साथ कराची में रहने लगी और रमजान को लेकर उसका पिता वर्ष 2010 में बांग्लादेश चला गया . वहां उसने दूसरी शादी कर ली. दूसरी शादी के बाद पिता का व्यवहार बदल गया और सौतेली मां से भी प्रताड़ना मिलने लगी.
ऐसे में रमजान को अपनी मां की याद सताने लगी. कराची लौटने के लिए रमजान ढाई साल पहले बांग्लादेश से भारत में घुस आया और यहां रांची, मुम्बई, दिल्ली और कई शहरों में भटकता रहा. बाद में उसे भोपाल रेलवे स्टेशन पर पुलिस ने पकड़ लिया. पूछताछ के बाद रमजान को चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया .
पिछले दो सालों से घर जाने को बेताब रमजान ने कभी नहीं बताया कि वह पाकिस्तानी है. चाइल्ड लाइन में आधार कार्ड बनने के समय ही उसने अपने पाकिस्तानी होने की बात बताई जिसके बाद आईबी के अधिकारियों ने भी उससे पूछताछ की थी.
-इनपुट भाषा