भोपाल की जेल में फर्ज़ी पासपोर्ट के मामले में 10 साल तक सजा काटने के बाद अब पाकिस्तानी नागरिक इमरान वारसी वापस अपने मुल्क पाकिस्तान जा रहा है. सजा पूरी हो जाने के बाद इमरान को बीते कुछ महीनों से भोपाल के शाहजहानाबाद थाने में रखा गया है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इमरान वारसी 26 दिसंबर को अपने मुल्क जा सकता है. इमरान ने आजतक के साथ खास बातचीत में कहा कि उसे अपने घर जाने की बेहद खुशी है. इमरान ने कहा कि इंडिया में मीडिया ने उसकी बहुत मदद की और जेल में भी अधिकारियों ने बहुत सपोर्ट किया.
इमरान का कहना है कि कैदी होने के बावजूद भारत में उसके साथ अच्छा सलूक किया गया. इमरान वारसी ने कहा, "व्यवहार से तो मुझे लगा ही नहीं कि मैं परिवार से दूर हूं, एक दर्द तो था कि मैं अपने घर से दूर हूं मगर परदेश में अगर अच्छे लोग मिल जाए तो दर्द कम होता है. बता दें कि कुछ ही दिन पाकिस्तान ने भारत के नागरिक हामिद अंसारी को अपने यहां से रिहा किया है. पाकिस्तान के इस कदम के जवाब में भारत ने भी इमरान वारसी को छोड़ने का फैसला किया है.
भारत आने की वजह बताते हुए इमरान ने कहा कि उसका कोलकाता आना होता था. वहां उसकी जमीन जायदाद है. उसने कहा कि कोलकाता में अभी उसके मामू हैं चाचा हैं खाला है और उसकी वाइफ भी है. इमरान वारसी ने कहा कि वह 2008 में उनसे मिला था फिर इसके बाद उसे अरेस्ट कर लिया गया.
इमरान का कहना है कि अभी उसे नहीं मालूम की उसके बीवी बच्चे कहां हैं और किस हालत में हैं. इमरान ने बताया कि वह पाकिस्तान के कराची शहर के गुलशन इकबाल में रहता है. इमरान ने कहा, "मैं वहां एयरपोर्ट पर टाइम कीपर था, फिर इधर आना हुआ मेरा घूमने के लिए तो मुझे लड़की पसंद आई और मैंने शादी कर ली थी उस बीच में मेरे दो बेटे हो गए उसके बाद मुझे जेल हो गई, जब मैं पाकिस्तान से भारत आया था तब मेरी उम्र 26 साल थी अभी 40 हो गई है."
इमरान ने कहा कि दोनों देशों के बीच कानूनी पचड़ों में फंसे लोगों को जल्द से जल्द छोड़ा जाना चाहिए. इमरान के मुताबिक इतने साल तक परिवार से अलग रहने के बाद उसे अब समझ में आ रहा है कि परिवार से अलग होकर रहने का दुख क्या होता है. इमरान ने कहा कि इंडिया और पाकिस्तान की सरकारों को आपस में बात करनी चाहिए ताकि ऐसे कैदी अपने घर जा पाएं.