मध्य प्रदेश में बसपा और कांग्रेस गठबंधन न होने का ठीकरा मायावती ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर फोड़ा था. बसपा अध्यक्ष के आरोपों पर दिग्विजय सिंह ने आजतक पंचायत के मंच से कहा कि नरेंद्र मोदी- अमित शाह के दबाव के चलते गठबंधन नहीं हुआ. हालांकि उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे.
दिग्विजय सिंह से पहला सवाल किया गया कि आखिर मायावती ने आपको बीजेपी का एजेंट क्यों कहा? दिग्विजय सिंह ने कहा कि ये नजर-नजर का फेर है. उन्होंने कहा कि अगर पिछले कुछ सालों में संघ और भाजपा से किसी को सबसे ज्यादा गाली पड़ी हैं तो उसमें मेरा नाम सबसे ऊपर है. फिर इस तरह का बयान में केवल दबाव में लगता है.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन होगा. अमित शाह और नरेंद्र मोदी की जोड़ी से जो भी दल और नेता त्रस्त है. इसमें भी बीजेपी के नेता भी शामिल हैं, वो सभी एक होकर चुनाव लड़ेंगे.
उन्होंने कहा, 'मायावती का मैं बहुत इज्जत करता हूं. कांशीराम का भी बहुत सम्मान करता रहा हूं. मैं कांग्रेस का मध्य प्रदेश अध्यक्ष था उस समय मैंने कांशीराम जी से पूंछकर घोषणा पत्र में कुछ प्वाइंट शामिल किए थे. इसके बाद चुनाव जीतने के बाद मैं उनके पास गया तो उन्होंने कहा था कि इन घोषणा पत्र के आधे वादे आपने पूरे कर दिए तो बहुत बड़ी बात होगी. मैंने 80 फीसदी वादे पूरे किए थे.
यूपी के उपचुनाव को लेकर पूछे गए सवाल पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि मायावती उपचुनाव नहीं लड़ती हैं. बीजेपी को हराने के लिए गठबंधन हुआ और उसके नतीजे बेहतर आए थे. मोदी-शाह गुजरात मॉडल को देश में लागू करना चाहती है.