हिंदी के कवि और साहित्यकार राजेश जोशी ने आरोप लगाया कि राज्य में उर्दू अकादमी समेत तमाम साहित्यिक संस्थाओं को इग्नोर किया गया. उन्होंने कहा, "राजनीति की दृष्टि, साहित्य और संस्कृति को लेकर ठीक नहीं होती. जब वो काम करने लगते हैं तो इसका कबाड़ा करते हैं. यहां ये हुआ."
उन्होंने कहा, "यहां कई साहित्यिक सांस्कृतिक संस्थाएं थीं, जिनका बड़ा जलवा था और हिंदुस्तान में नाम था. लेकिन राजनीति हस्तक्षेप की वजह से उनका काफी नुकसान हुआ. भारत भवन भी कुछ हद तक नष्ट हुआ, लेकिन वो ऑटोनोमस ट्रस्ट था इसलिए थोड़ा बचा भी हुआ है. पर बहुत सी संस्थाएं लगभग नष्ट हो चुकी हैं." सईद अंसारी के साथ "पंचायत आज तक" की चर्चा में राजेश जोशी और मंजर ने मध्य प्रदेश की साहित्य और संस्कृति की मौजूदा हालत को लेकर कई बातें कहीं.
अकादमियों में भ्रष्टाचार, सीएम साहब को मालूम
शायर मंजर भोपाली ने कहा, "मैंने कुछ बात लिखी तो उस पर केस लगा दिया जाता है. मुझ पर अदालत में केस चल रहा है. खामोश होना पड़ता है. दोबारा बोलूंगा उस बात को तो हो सकता है कि मुझको सजा हो जाए. ये दबाव की राजनीति है जो सियासतदानों की कलमकारों पर होती है उससे बहुत दु:ख होता है."
मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी की मौजूदा हालत को लेकर मंजर ने कहा, "हम किसी के पास अवॉर्ड या कुछ और मांगने नहीं जा रहे हैं. हम पर क्यों दबाव बनाया जाता है. हम जो देख रहे हैं, लिख रहे हैं. हमने एक पत्र लिखा, आज तक उसका जवाब नहीं आया. गवर्नर को 8 पत्र लिखे उसका भी जवाब नहीं मिला."
उन्होंने कहा, "भाषाओं में भी भ्रष्टाचार नजर आ रहा है इस प्रदेश के अंदर. ये अफसोस की बात है. सीएम साहब को सब मालूम है. कई बार मिला. मध्य प्रदेश उर्दू एकेडमी में को लेकर आवाज उठाया और मिला क्या."