पंचायत आजतक मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार पर संतों ने धर्म को लेकर काम नहीं करने आरोप लगाया और साथ ही संतों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया. उनके अनुसार सरकार को धर्म की रक्षा करनी चाहिए, सिर्फ उसे भुनाना ही नहीं चाहिए.
टिकट को लेकर विवाद: महामंडलेश्वर कम्प्यूटर बाबा ने आरोप लगाया कि उन्होंने सरकार से कहा कि कुछ संत आपसे मिलना चाहते हैं तो उनसे पूछा गया कि हम मिल तो लेंगे लेकिन कोई टिकट तो नहीं मांगेगा.
गोमाता पर विवाद: संतों ने शिवराज सरकार पर गायों की देखभाल नहीं करने का आरोप लगाया. उनके अनुसार उन्होंने सरकार से मांग रखी थी कि गोमाता की सेवा के लिए काम हो और उनकी दुर्दशा दूर हो लेकिन उनकी ओर से कोई काम नहीं किया गया. संतों ने आरोप लगाया कि सरकार गोशाला को बिजली तक नहीं देती है और उल्टे कमर्शियल चार्ज लगाती है.
संतों की झोपड़ी तोड़ने का आरोप: संतों ने शिवराज सरकार पर संतों की झोपड़ी तोड़ने का आरोप लगाया. संतों के अनुसार उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान मठ मंदिर की समस्या दूर करने की मांग की थी. संतों के अनुसार सरकार ने संतों को बसाने नहीं उखाड़ने का काम किया है. संतों ने शिवराज सरकार पर कोई भी मदद नहीं करने का आरोप लगाया.
राम मंदिर पर सरकार ने वादा पूरा नहीं किया: संतों ने आरोप लगाया कि राम मंदिर की तरह नर्मदा के नाम पर सिर्फ वोटबैंक की राजनीति हो रही है.
संतों की समाधि हटा दी: कार्यक्रम में एक संत ने आरोप लगाया कि ढिंढोरी जिले में संतों की समाधि और उनका निवास स्थान होता था लेकिन शिवराज के नेताओं ने वहां से समाधि तुड़वा दी और संतों को उनकी जगह से भगा दिया. संतों के अनुसार चाहे पीएम मोदी हो या सीएम शिवराज संत ही उनका उद्धार करेंगे.
पट्टा नहीं देने का आरोप: संतों ने आरोप लगाया कि आजतक सरकार ने किसी मंदिर को पट्टा यानी जमीन नहीं दी. इस वजह से कई मंदिर जर्जर हो चुके हैं. संतों के अनुसार जो संत 50 साल से ज्यादा रह रहे हैं उन्हें पट्टा दे दिया जाए. संतों के साथ भेदभाव हो रहा है. आरोप लगाया कि संतों को उखाड़कर फेंक दिया जाता है.
सरकार संतों से नहीं मिलती है: शिवराज सरकार संतों से नहीं मिलती है, यह आरोप भी संतों ने लगाया है.
मंदिर ट्रस्ट बना दिए जाते हैं: संतों ने कहा कि सरकार खुद को धार्मिक सरकार बताती है. संतों के अनुसार जो मंदिर अच्छा कार्य करता है उसे सरकार ट्रस्ट बना लेती है लेकिन ऐसा मस्जिद और गुरुद्वारे के साथ नहीं होता. संतों ने मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया. संतों ने कहा कि वह संतों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सियासी दलों ने कमर कस ली है. सत्ताधारी बीजेपी और विपक्ष में बैठी कांग्रेस के नेता जनता के बीच हैं. सियासी सरगर्मी लगातार बढ़ रही है. बदलते सियासी तापमान में लोगों के मनमिजाज का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को भोपाल में पंचायत आजतक का मंच सजा है. इसमें राजनीतिक दलों के कई दिग्गज शिरकत कर रहे हैं.
दिनभर चलने वाले इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और राज्य में बीजेपी का चेहरा शिवराज सिंह चौहान और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के चाणक्य दिग्विजय सिंह पंचायत आजतक के माध्यम से जनता के सामने अपनी बात रखेंगे. तो नोटबंदी-जीएसटी से लेकर अर्थव्यवस्था के अच्छे दिनों समेत राज्य में जातीय समीकरणों और अल्पसंख्यकों की भी बात मंच पर होगी.
कार्यक्रम की शुरुआत केन्द्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के अहम सत्र 'मोदी हैं ना' से हुई. पंचायत आजतक के पहले सत्र- मोदी हैं ना! में नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज और खनन ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन इंडिया टुडे समूह के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल ने किया.
क्या 15 साल बाद बीजेपी को जिता पाना बड़ी चुनौती है? इसके जवाब में नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि बीजेपी सबका साथ सबका विकास की नीति पर काम कर रही है. बीचे 15 साल के दौरान राज्य सरकार ने लगातार एक मजबूत अर्थव्यवस्था खड़ी की है और राज्य का जीडीपी आंकड़ा बेहतर हुआ है, इसलिए बीजेपी के लिए आगामी चुनावों में जीत हासिल करना आसान है.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी में कांग्रेस भी बीजेपी को धर्म और राम मंदिर मुद्दे पर कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर है. पंचायत आजतक में भी यह नजारा देखने को मिला. 'विकास के नाम पर धर्म की राह पर !' नाम के सेशन में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने एक दूसरे पर धर्म की राजनीति कर फायदा उठाने के आरोप लगाए.