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तेलंगाना के नालगोंडा में एनकाउंटर में मारे गए सिमी आतंकी का शव लेने से परिवार का इनकार

तेलंगाना के नालगोंडा में शनिवार को पुलिस एनकाउंटर में मारे गए दो हथियारबंद लोगों की पहचान सिमी आतंकियों के रूप में हुई है. ये दोनों मध्य प्रदेश के खंडवा से अक्टूबर 2013 में जेल से फरार होने वाले आतंकियों में से थे. इनमें से एक के परिवार ने शव लेने से इनकार कर दिया है.

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तेलंगाना के नालगोंडा में शनिवार को पुलिस एनकाउंटर में मारे गए दो हथियारबंद लोगों की पहचान सिमी आतंकियों के रूप में हुई है. ये दोनों मध्य प्रदेश के खंडवा से अक्टूबर 2013 में जेल से फरार होने वाले आतंकियों में से थे. इनमें से एक के परिवार ने शव लेने से इनकार कर दिया है.

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तेलंगाना के डीजीपी अनुराग शर्मा ने कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस से मिले फिंगर प्रिंट्स और नाक-नक्श के आधार पर दोनों की पहचान मोहम्मद एयाजुद्दीन और मोहम्मद असलम के रूप में हुई है. अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने इस आशय की खबर दी है.

पुलिस अब जिले के अरावापल्ली में हजरत ख्वाजा नसीरुद्दीन बाबा दरगाह के मौलाना से पूछताछ कर रही है. मारे गए सिमी के दोनों आतंकी 2 अप्रैल को दो पुलिस वालों की हत्या के बाद इसी दरगाह में 30 घंटे से ज्यादा समय तक रुके थे.

गौरतलब है कि दरगाह में आने वाले एक शख्स ने पुलिस को 'दो संदिग्ध व्यक्तियों' के बारे में सूचित किया था. इसके साथ ही मध्य प्रदेश एटीएस टीम और नालगोंडा पुलिस ने रविवार को दरगाह की तलाशी ली.

तेलंगाना, आंध्र प्रदेश पुलिस के अलावा केंद्रीय एजेंसियों और दूसरे राज्यों की पुलिस ने भी बाकी के तीन फरार सिमी कार्यकर्ताओं की तलाश में अभियान छेड़ दिया है.

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असलम के परिवार वालों ने खंडवा में पुलिस को बताया कि वे असलम के शव को नहीं लेना चाहते. परिजनों का मानना है कि असलम का अंतिम संस्कार सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाके में तनाव का कारण बन सकता है.

खंडवा के वकील जावेद चौहान ने कहा, 'मुस्लिम समुदाय असलम का शव नहीं चाहता, क्योंकि इसकी वजह से इलाके में माहौल खराब हो सकता है.' वकील जावेद चौहान सिमी के मामलों को देखते रहे हैं.

खंडवा जेल से भागे चार या पांच सिमी कार्यकर्ताओं के परिजन गणेश तलाई में रहते हैं. पुलिस ने यहां अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है.

दूसरी ओर अयाजुद्दीन के परिवार वालों ने शव लेने का फैसला किया है. अयाजुद्दीन के घर वाले शव लेने के लिए तेलंगाना के लिए रवाना हो चुके हैं. अयाजुद्दीन के घर वाले अब भोपाल के जनतानगर में रहते हैं. एसपी (नॉर्थ) अरविंद सक्सेना ने कहा, 'अयाजुद्दीन का परिवार राज्य के नरसिंहपुर का रहने वाला है, लेकिन बाद में भोपाल शिफ्ट हो गया.'

मध्य प्रदेश पुलिस ने कहा कि आधिकारिक रूप से असलम और अयाजुद्दीन की मौत की पुष्टि होने से पहले फिंगरप्रिंटस और डीएनए की विश्लेषण रिपोर्ट का इंतजार करेंगे.

एटीएस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, 'हम उनकी पहचान सुनिश्चित करना चाहते हैं, इसके लिए रिपोर्ट्स का इंतजार करेंगे और यह कुछ समय ले सकता है.'

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पुलिस का मानना है कि असलम और अयाजुद्दीन के फरार साथी, शेख महबूब उर्फ गुड्डू उर्फ मलिक, अमजद उर्फ दाउद और जाकिर हुसैन उर्फ सादिक तेलंगाना या आंध्रा में छुपे हुए हैं.

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